Kisan Agitation Dispute: जघन्य अपराधों का केंद्र बनता जा रहा है बहादुरगढ़ में आंदोलन स्थल

आंदोलन को अभी साढ़े छह महीने हुए हैं। इतने वक्त में टीकरी बार्डर पर आंदोलन के बीच ऐसे-ऐसे अपराध हो चुके हैं जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में सवाल यह बना हुआ है कि आखिर आंदोलन के बीच आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदार कौन है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 04:53 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 04:53 PM (IST)
Kisan Agitation Dispute: जघन्य अपराधों का केंद्र बनता जा रहा है बहादुरगढ़ में आंदोलन स्थल
आंदोलन में युवती से दुष्‍कर्म, छेड़छाड़, लूट, व्‍यक्ति को जिंदा जलाने के मामलों से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं

बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि सुधार कानूनाें की खिलाफत में शुरू हुए आंदोलन के बीच टीकरी बार्डर पर नित नए जघन्य अपराध हो रहे हैं। अब आंदोलन स्थल पर कसार के एक युवक को जलाकर मार डाला गया। इस घटना के साथ जातिगत द्वेष की बातें भी सामने आ रही हैं। आंदोलन को अभी साढ़े छह महीने हुए हैं। इतने वक्त में टीकरी बार्डर पर तो आंदोलन के बीच ऐसे-ऐसे अपराध हो चुके हैं, जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।

ऐसे में सवाल यह बना हुआ है कि आखिर आंदोलन के बीच आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदार कौन है। इस आंदोलन के बीच बंगाल की युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने हर किसी को स्तब्ध किया है। अभी तो इस मामले में एक आरोपित ही पकड़ा गया है। बाकी फरार हैं। एसआइटी इसकी जांच कर रही है। इसी आंदोलन में पंजाब के किसान हाकम सिंह की गला रेतकर हत्या की गई थी। इस हत्या में मृतक की भाभी और उसके प्रेमी का हाथ मिला था। अहम बात यह थी कि किसान की हत्या तो कहीं भी हो सकती थी, मगर इसके लिए आंदोलन स्थल को चुना गया।

ताकि आंदोलन की आड़ में अपराध को छिपाया जा सके। इसी आंदोलन में बाईपास पर दो किसानों में शराब को लेकर झगड़ा हुआ और एक ने दूसरे की हत्या कर डाली। इससे सवाल उठा कि संघर्ष करने आए थे और महज शराब के लिए साथी की जान लेने वाले क्या सिर्फ किसानी प्रवृत्ति के ही हैं। इतना ही नहीं इसी आंदोलन में पंजाब से तीन युवक किसान बनकर आए। वे पिस्तौल लेकर रात के समय बाइक पर लूटपाट के लिए निकलते और वापस आकर आंदोलन के तंबू में सो जाते।

एक पेट्रोल पंप से करीब 30 हजार कैश छीन लिया था। फिर शहर के अंदर ज्वैलर्स शाप में लूट की कोशिश में पकड़े गए थे। गोली चलाने की कोशिश की थी, मगर वह नहीं चली। इसके बाद काबू आए थे। तब उनके पास किसान संगठन का झंडा बरामद हुआ था। आंदोलन के बीच कई आपसी झगड़े भी हो चुके हैं। आंदोलन में आया एक पगड़ीधारी रेलवे रोड से स्कूटी चोरी करके ले गया था। हालांकि बाद में वह मिल गई थी। अब जिस तरह की घटना कसार के पास हुई, उससे तो समूचा क्षेत्र सहम गया है।

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