किसान आंदोलन : किसानों की दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के जरिये शक्ति प्रदर्शन की तैयारी
गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी को दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड को लेकर तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। इस ट्रैक्टर परेड के जरिये किसान एक तरह से शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इसीलिए इस परेड पर अड़े हैं। इसके लिए पंजाब व हरियाणा से ट्रैक्टर टीकरी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं।
बहादुरगढ़, जेएनएन। कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच किसानों की 26 जनवरी को दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड को लेकर तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। इस ट्रैक्टर परेड के जरिये किसान एक तरह से शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इसीलिए इस परेड पर अड़े हैं। इसके लिए पंजाब व हरियाणा से ट्रैक्टर टीकरी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। तीन दिन से यह सिलसिला चल रहा है। पहले से जो ट्रैक्टर-ट्राली यहां पर है। उनके अलावा दो हजार से ज्यादा ट्रैक्टर यहां पर आ चुके हैं।
परेड में ट्रैक्टरों को ही शामिल करने का विचार है। ऐसे में पंजाब से ट्रालियों में लादकर भी ट्रैक्टर लाए जा रहे हैं। दिल्ली में किस रूट पर किसानों की परेड होगी, इसी रूपरेखा तो बन चुकी है, लेकिन जब दिल्ली पुलिस द्वारा अधिकारिक रूप से रूट फाइनल किया जाएगा और किसान भी उस पर सहमति जताएंगे, तभी इस मामले में स्थिति स्पष्ट होगी। एक दिन पहले किसानों और पुलिस के बीच इस मसले पर बातचीत में काफी हद तक सहमति बनी है।
टीकरी बॉर्डर से किसानों के लिए संभावित रूप से दिल्ली के घेवरा, मुंडका, नांगलोई से होते हुए नजफगढ़ और उसके बाद जाफरपुर-ढांसा के रास्ते बादली से हाेते हुए केएमपी का रूट प्रस्तावित है। हालांकि इसको अभी अंतिम नहीं माना जा रहा है। किसानों ने संयुक्त मोर्चे पर फैसला छोड़ा हुआ है, लेकिन जिस तरह से बहादुरगढ़ में पिछले तीन दिन के अंदर ही दो हजार से अधिक ट्रैक्टर पहुंच चुके हैं और दिन-रात यह सिलसिला चह रहा है, उससे यह भी सवाल है कि इतनी भारी संख्या में ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर प्रवेश करेंगे तो इस परेड को पूरी तरह व्यवस्थित रखने और निर्धारित समय के अंदर खत्म करना भी एक तरह से चुनौती होगी। बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर किसान नेता विकास सीसर ने कहा कि किसानाें की परेड शांति और अनुशासन के साथ होगी।
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