खुशियां बिखेर रही खुशी... दिव्यांग बच्चों को सिखाते हुए छोटी सी उम्र में बनाई बड़ी पहचान

दिव्यांग बच्चों को डांस सिखाते हुए भिवानी की खुशी ने पूरे हरियाणा में पहचान बना ली है। खुशी अभी 12वीं की छात्रा है। आस्था स्पेशल स्कूल में मां के साथ मूक बधिर बच्चों को डांस सिखाते-सिखाते हुनर तराशा। अब इस क्षेत्र में पहचान बनाने के लिए प्रयासरत है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:56 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:56 PM (IST)
खुशियां बिखेर रही खुशी... दिव्यांग बच्चों को सिखाते हुए छोटी सी उम्र में बनाई बड़ी पहचान
भिवानी की कलाकार खुशी शर्मा हरियाणवी डांस, सोलो डांस, क्लासिकल डांस जैसी विभिन्न गतिविधियों में भाग लेती हुई।

भिवानी [सुरेश मेहरा]। किसी ने सही कहा है कि कला उम्र की मोहताज नहीं होती। यह साबित कर दिखाया है भिवानी की कलाकार खुशी ने। 12वीं की छात्रा खुशी ने अपनी प्रतिभा के दम पर खुशी का जादू बिखेरा है। दिव्यांग बच्चों को सिखाते सिखाते इस कलाकार ने  छोटी उम्र में राज्य स्तर पर अपनी पहचान बना ली है।

कलाकार की मां सुमन शर्मा दिव्यांग बच्चों का निशुल्क आस्था स्पेशल स्कूल चलाती हैं। खुशी अपनी मां के साथ दिव्यांग मूक बधिर बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए मां का सहयोग करती हैं। मूक बधिर बच्चों को हरियाणवी डांस, सोलो डांस और क्लासिकल डांस सिखाती है। खुशी जी लिट्रा वैली स्कूल की 12वीं मैं कला संकाय की छात्रा है। वह कौशिक नाट्य अकादमी मैं अभ्यास करती है। खुशी शर्मा ने बताया कि उसकी नृत्य में अभिरुचि रही है। वह इसी क्षेत्र में कुछ कर दिखाने के लिए प्रयासरत है।

 खुशी के नाम जिला से राज्य स्तर तक है अनेक उपलब्धियां

वर्ष 2017 इंटर स्कूल कंपटीशन के दौरान इस प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त किया। वर्ष  2018 राज्य स्तर पर युवा उत्सव में ग्रुप डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान। वर्ष 2019 के बाल महोत्सव में राज्य स्तर पर ग्रुप डांस प्रतियोगिता प्रतिभागी रही।  राज्य स्तर का युवा उत्सव ग्रुप डांस में द्वितीय स्थान । युवा उत्सव में राज्य स्तर पर कुरुक्षेत्र में प्रतिभागी रही। हरियाणवी कलाकार अंजलि राघव एवं हरियाणवी गायक विश्वजीत चौधरी के साथ “चुंदड़” सॉन्ग में शूटिंग में विशेष स्थान पाया।

पापा की तरह कुछ कर दिखाना चाहती है खुशी

खुशी शर्मा का कहना है कि वह अपने पापा विजय शर्मा की तरह जीवन में कुछ नया करना चाहती है। कला और थिएटर के साथ साथ उसका लक्ष्य है कानून की पढ़ाई कर समाज में न्याय दिलाना। उसके मम्मी पापा की इच्छा है कि वह जीवन में अलग हटकर कुछ विशेष करे और नई पहचान बनाए। वह मम्मी पापा के सपनों को पूरा करेगी और समाज में न्याय के क्षेत्र में विशेष काम करेगी।

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