ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए फरिश्‍ते की तरह काम कर रही हिसार की जिंदल स्टेनलैस

महामारी में सबसे बड़ी जरूरत बनकर ऑक्सीजन सामने आ रही है। कई राज्यों में तो ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में समय में हिसार की जिंदल स्टेनलैस ने महामारी में लोगों की जान बचाने को अपने यहां ऑक्सीजन प्रोडक्शन में इजाफा किया है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 09:20 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 09:20 AM (IST)
ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए फरिश्‍ते की तरह काम कर रही हिसार की जिंदल स्टेनलैस
जिंदल स्‍टेनलैस कंपनी ने खुद ट्वीट करके ऑक्‍सीजन सप्‍लाई करने की जानकारी दी है

हिसार, जेएनएन। कारोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और केस बढ़ने के साथ-साथ चिकित्सकीय संसाधनों की जरूरत भी हर तरफ देखी जा रही है। इसमें सबसे बड़ी जरूरत बनकर ऑक्सीजन सामने आ रही है। कई राज्यों में तो ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में समय में हिसार की जिंदल स्टेनलैस ने महामारी में लोगों की जान बचाने को अपने यहां ऑक्सीजन प्रोडक्शन में इजाफा किया है।

महामारी को देखते हुए जिंदल स्टेनलैस के हिसार प्लांट को 150 फीसद की क्षमता तक चलाया जा रहा है। पहले जहां प्रतिदिन छह से साढ़े छह एमटी ऑक्सीजन तैयार की जाती थी, अब प्लांट ने अपनी क्षमता में इजाफा करते हुए साढ़े सात से आठ एमटी प्रतिदिन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। इससे हिसार व आसपास के क्षेत्रों की ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा।

डिमांड के हिसाब से भेज रहे हैं सप्लाई

कोरोना का बढ़े प्रसार में आक्सीजन की सप्लाई भी जिंदल स्टेनलैस कर रही है। वह हिसार में सभी जगहों पर ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहे हैं साथ ही जहां से डिमांड आ रही है उन्हें भी ऑक्सीजन मुहैया करा रहे हैं। इसको लेकर जिंदल स्टेनलैस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने ट्वीट करते हुए इस जानकारी को इंटरनेट मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में महामारी के हालात को देखते हुए हमने प्रोडक्शन प्रतिदिन साढ़े सात टन कर दी है। ताकि लोगाें की जान बचाई जा सके।

आत्मनिर्भर भारत अभियान में भी दिया था साथ

इससे पहले भी जब लॉकडाउन लगा और उसके बाद देश फिर से खड़ा होने की कोशिश करने लगा तो जिंदल स्टेनलैस ने आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी को प्रमोट करने का फैसला लिया है। उन्होंने बाहरी देशों के स्थान पर स्थानीय लोगों को आगे बढ़ाने का निश्चय किया था। और अब इस बात पर काम भी किया जा रहा है।

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