Jhajjar News: व्यापारियों के सपनों पर भारी पड़ती आईं बिजली की चिंगारी, आज तक नहीं सुधर पाए हालात

झज्जर के मुख्य बाजार में हालात काफी दयनीय हो रखे हैं। बिजली के पोल पर अकेले करंट की तारों का ही बोझ नहीं है। सिटी केबल और इंटरनेट की तारों का जाल इसे और ज्यादा बड़ा बना रहा है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 05:58 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:58 PM (IST)
Jhajjar News: व्यापारियों के सपनों पर भारी पड़ती आईं बिजली की चिंगारी, आज तक नहीं सुधर पाए हालात
झज्जर में हाईटेंशन तारों ने भी खूब बढ़ाई लोगों की टेंशन।

जागरण संवाददाता, झज्जर। बात सन 2012 की है। मुख्य बाजार में स्थित धींगड़ा बंधु एक रात अपनी-अपनी दुकान को ठीक-ठाक बंद करके अपने घर गए थे। लेकिन, सुबह दुकान को खोलने से पहले उन्हें यह संदेशा प्राप्त हुआ कि दोनों दुकान में किन्हीं कारणों के चलते आग लग गई हैं। मुख्य बाजार स्थित दो प्रतिष्ठानों में एक साथ आग लगने की घटना की सूचना भी ठीक उसी तरह फैली, जैसे कि जंगल में आग फैलती है। कुछ मिनटों में ही बाजार में लोगों का जमावड़ा लग गया। हर स्तर पर आग को बुझाने का प्रयास किया गया। फायर ब्रिगेड को मौके पर पहुंचने के लिए सूचित किया।

लेकिन, फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी मौके पर पहुंचने के लिए बिजली की तारों के जाल से जूझना पड़ा। किसी तरह से गाड़ी वहां पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। लेकिन, आगजनी की घटना में दोनों दुकानों का प्राय: सामान आग की भेंट चढ़ गया। तत्कालीन समय में मौके पर मौजूद रहे व्यापारी धींगड़ा बंधुओं को किसी तरह से हिम्मत बंधा रहे थे। आज भी किसी भी तरह का शार्ट सर्किट इन दोनों बंधुओं को उस पुराने दौर की याद को ताजा करा देता है।

दरअसल, यह बाजार में कारोबारियों के साथ घटित हुआ कोई पहला हादसा नहीं हैं। शहर के आर्य नगर, बस स्टैंड के पीछे, हनुमान मंदिर के पास, डाकखाना मैदान के पास आदि क्षेत्रों में बिजली की तारों में शार्ट सर्किट हो जाने के चलते व्यापारियों को काफी नुकसान हो चुका है। जिसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाईं। क्योंकि, जब भी ऐसा कोई दूसरा हादसा होता है तो वे सिहर जाते हैं।

ट्रक को बाहर तक निकलवाने में व्यापारियों को उठानी पड़ रही जहमत

मुख्य बाजार की बात करें तो हालात काफी दयनीय हो रखे हैं। बिजली के पोल पर अकेले करंट की तारों का ही बोझ नहीं है। सिटी केबल और इंटरनेट की तारों का जाल इसे और ज्यादा बड़ा बना रहा है। ऐसी स्थिति में उन व्यापारियों को विशेष तौर पर परेशानी होती है। जब गाड़ियों में इनका माल प्रतिष्ठान के बाहर तक पहुंचना होता है। ऐसी स्थिति में व्यापारियों को गाड़ी को लेकर आने और छोड़कर आने का काम भी खुद करवाना पड़ता है। जिसकी वजह से उनका काफी समय भी खराब होता है और आर्थिक नुकसान होने का डर भी सताता है।

पहले हाई-टेंशन तारों ने खूब बढ़ाई टेंशन

शहर के विस्तार के साथ-साथ बाहरी क्षेत्र की कुछ कालोनियों के ऊपर से गुजरने वाली हाई-टेंशन तारों ने भी करीब अढ़ाई दशक तक लोगों की खूब टेंशन बढ़ाई है। शहर के सुभाष नगर, माडल टाउन, किला कालोनी से गुजरने वाली हाई टेंशन लाइनों को स्थानांतरित करवाने की मांग को लेकर लोगों ने लंबे समय तक संघर्ष किया। दैनिक जागरण ने भी लंबे अभियान चलाकर लोगों की मुहिम का हिस्सा बनते हुए उनकी आवाज उठाईं। हाई-टेंशन तारों के करंट की चपेट में आने से कई लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं, जबकि, कई लोग अपने अंग भी गंवा चुके हैं। जिसका दर्द आज भी ऐसे परिवारों के चेहरे पर साफ देखने को मिल सकता है।

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