जसिया में 24 नवंबर को जुटेंगे देशभर के जाट, आरक्षण और कृषि विधेयक को लेकर है मांगें

मांगों को लकर जाट समाज एक बार फिर हुंकार भरने की तैयारी में है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि विधेयक किसानों के हित में नहीं हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 12:42 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 12:42 PM (IST)
जसिया में 24 नवंबर को जुटेंगे देशभर के जाट, आरक्षण और कृषि विधेयक को लेकर है मांगें
मांगों को लेकर जाट समाज एक बार फिर हुंकार भरने की तैयारी में है

रोहतक, जेएनएन। अपनी मांगों को लेकर जाट समाज एक बार फिर हुंकार भरने की तैयारी में है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि विधेयक किसानों के हित में नहीं हैं। समिति के पदाधिकारी किसानों के धरने-प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से  चलाने में सहयोग करेंगे। 24 नवंबर को जसिया धाम में देशभर के  किसानों को आमंत्रित किया जाएगा और अपनी मांगों व अधिकारों को लेकर आगामी रणनीति बनाई जाएगी। वे जसिया धाम में समिति की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

यशपाल मलिक ने कहा कि कृषि विधेयक किसान, मजदूर व छोटी नौकरी करने वाले लोगों के लिए आने वाले वर्षों में घातक साबित होंगे। देश में पूंजीवाद को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण के मुद्दे को लेकर कोरोना महामारी के चलते शिथिलता आई थी, अब सरकार की जिम्मेदारी है कि समिति से किए गए वादों को पूरा करें। अदालतों में भी  प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। समिति ने सर्वसम्मति से छह प्रस्ताव पारित किए। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट अशोक बल्हारा, मुख्य महासचिव कृष्णलाल हुड्डा, प्रदेश महासचिव एवं प्रवक्ता रामभगत मलिक मौजूद थे।

ये हैं प्रमुख मांगें

- संघर्ष समिति किसान संगठनों की  मांगों का समर्थन करती है। सभी प्रदेश व जिला के पदाधिकारी किसानों के धरने-प्रदर्शनों में सहयोग दें

- सरकार एमएसपी को कानूनन   लागू करें और इससे नीचे खरीदना दंडनीय अपराध का कानून श्रेणी में शामिल होना चाहिए

- सरकार जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान सभी दर्ज मुकदमों को वापस करे

- हरियाणा में जाट सहित अन्य  पांच जातियों को प्रदेश में बीसी-बी श्रेणी में शामिल करे

- केंद्र सरकार देश भर के हिंदू, मुस्लिम व सिख जाटों को केंद्र की ओबीसी श्रेणी में शामिल करे

- 24 नवंबर 2020 को देश भर के जाटों को छोटूराम धाम जसिया पर आमंत्रित किया जाएगा। अपने अधिकारों व मांगों को लेकर आगामी रणनीति तय की जाएगी।

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