चरखी दादरी डीआइटीएस में 14 लाख से ज्यादा की अनियमितता, अकाउंटेंट और ऑपरेटर पर केस दर्ज

डीआइटीएस चरखी दादरी में 14 लाख के गबन का मामला सामने आया था। अकाउंटेंट व ऑपरेटर से विभिन्न सेवाओं के निर्धारित राशि से ज्यादा लिए। इस राशि को कम दिखाकर सरकारी खाते में जमा करवाया। एसडीएम की जांच के बाद पोल खुली थी।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 02:59 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 02:59 PM (IST)
चरखी दादरी डीआइटीएस में 14 लाख से ज्यादा की अनियमितता, अकाउंटेंट और ऑपरेटर पर केस दर्ज
दोनों आरोपितों से गबन राशि रिकवर की गई है। उसके बाद मामला दर्ज किया गया।

चरखी दादरी, जेएनएन। दादरी जिले की डिस्ट्रिक्ट इंफोर्मेशन टेक्नोलोजी सोसाइटी (डीआइटीएस) के वित्तीय मदों में लाखों रुपये की अनियमितताएं मिली है। इस मामले में सरल केंद्र सुपरवाइजर संजीव कुमार की शिकायत पर पुलिस ने डीआइटीएस के अकाउंटेंट व ऑपरेटर पर मामला दर्ज कर लिया है। रोहतक पीजीआइएमएस के सेवानिवृत्त निदेशक एवं हरियाणा सरकार के मेडिको लीगल एडवाइजर डा. डीआर यादव की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जांच में करीब 14 लाख रुपये का गबन सामने आया है। प्रशासन द्वारा डीआइटीएस के दोनों कर्मचारियों से यह राशि रिकवर करने के बाद उन पर मामला दर्ज करवाया गया है। गौरतलब है कि गत मार्च माह तक डीआइटीएस के अकाउंटेंट द्वारा पिछले कुछ महीनों से सोसाइटी का लेखा रिकॉर्ड दादरी के तत्कालीन उपायुक्त राजेश जोगपाल के सामने प्रस्तुत नहीं किया जा रहा था। ऐसे में संदेह होने पर उन्होंने कड़ा संज्ञान लेते हुए बाढड़ा एसडीएम शंभू राठी को प्रारंभिक तौर पर सोसाइटी के पिछले तीन महीने के लेखा रिकॉर्ड की जांच करने के आदेश दिए थे।

एसडीएम की जांच में  8.90 लाख का मिला था हेरफेर 

एसडीएम शंभू राठी की जांच के दौरान सामने आया कि डीआइटीएस द्वारा विभिन्न सेवाओं की एवज में अधिक रुपये इकट्ठे किए गए, लेकिन बैंक में कम राशि जमा करवाई गई। इस दौरान करीब 8.90 लाख रुपये की अनियमितताएं सामने आई थीं। इसके बाद तत्कालीन उपायुक्त ने दादरी डीआइटीएस के गठन वर्ष 2018 से लेकर वर्तमान तक के वित्तीय मदों की जांच हरियाणा सरकार द्वारा नामित रोहतक पीजीआइएमएस के सेवानिवृत्त निदेशक एवं हरियाणा सरकार के मेडिको लीगल एडवाइजर डा. डीआर यादव से करवाने का निर्णय लिया था।

अकाउंटेंट और ऑपरेटर ने दबाए थे 14 लाख 44 हजार

डॉ. डीआर यादव द्वारा गत मार्च माह में ही जांच शुरू कर दी गई थी। उनके द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि डीआइटीएस में तैनात अकाउंटेंट अंकित सांगवान तथा आपरेटर शशि कुमार द्वारा करीब 14 लाख 44 हजार रुपये की राशि का गबन किया गया है। जिसके बाद प्रशासन द्वारा उक्त दोनों कर्मचारियों से यह राशि रिकवर की गई। वहीं दादरी सिटी पुलिस स्टेशन ने दोनों के खिलाफ धारा 409 व 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उपायुक्त ने जांच में दोषी पाए जाने पर उक्त दोनों कर्मचारियों को सस्पेंड भी कर दिया है।

ये मिली थीं अनियमितताएं

एसडीएम शंभू राठी द्वारा की गई जांच में सामने आया था कि डीआइटीएस द्वारा काटी गई कई रसीदें गायब थीं। कई रसीदें फटी हुई मिली थीं तथा कई रसीदों पर दोबारा से लिखा गया था। कई रसीदें दोबारा से भी बनाई गई थीं। यह भी सामने आया था कि डीआइटीएस के कर्मचारियों द्वारा एक दिन में एकत्रित किए गए रुपयों को अगले दिन के बजाय कई-कई दिनों बाद सरकारी खाते में जमा करवाया जाता था।

भविष्य में भी होगी कार्रवाई : उपायुक्त 

दादरी के उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने कहा कि डीआइटीएस की वित्तीय मदों में लाखों रुपये की अनियमितताओं की जांच डा. डीआर यादव द्वारा करवाई गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज करवाने से पहले दोनों कर्मचारियों से गबन की राशि रिकवर कर ली गई है, जिससे कि सरकार को नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में कोई कर्मचारी भ्रष्टाचार करेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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