मुनमुन दत्ता के खिलाफ 4 राज्यों में दर्ज मुकदमों पर कोर्ट का स्टे, हरियाणा के हांसी में दर्ज मुकदमे में जारी रहेगी जांच
तारक मेहता का उल्टा चश्मा की अदाकारा मुनमुन दत्ता के खिलाफ हरियाणा के हांसी में दर्ज मुकदमे में जांच जारी रहेगी। उनपर जाति विशेष का नाम लेते हुए यूट्यूब पर एक वीडियो में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। उन पर कई राज्यों में एफआइआर दर्ज कराई गई थीं।
हिसार/हांसी, जेएनएन। तारक मेहता का उल्टा चश्मा धारावाहिक(Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) की फेमस अदाकारा मुनमुन दत्ता ने उनके खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआइआर को एक स्थान पर ट्रांसफर करने की मांग को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने मुनमुन दत्ता को बड़ी राहत प्रदान करते हुए कई कई राज्यों में दर्ज मुकदमों पर स्टे लगा दिया है, लेकिन हांसी में दर्ज मुकदमे पर कार्रवाई जारी रहेगी।
बता दें कि मुनमुन दत्ता के पर जाति विशेष का नाम लेते हुए यूट्यूब पर एक वीडियो में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। जिसके बाद देशभर में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों में भारी गुस्सा देखा गया था और हरियाणा में हांसी के अलावा, गुजरात, नई दिल्ली, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआरआर दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मुनमुन दत्ता ने सभी मामलों को हांसी में दर्ज एफआइआर के साथ ट्रांसफर करने की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले से जुड़े दूसरे पक्षों को नोटिस जारी कर दिया है।
मुनमुन दत्ता के वकील ने यह दी दलील
मुनमुन दत्ता के वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि उनकी मुवक्किल बंगाल से है और उसने जिस शब्द का कथित तौर पर इस्तेमाल किया था, वह बांगला भाषा में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि वह शब्द 'जातिवादी' है। इसके बाद वकील ने कोर्ट को बताया कि मुनमुन दत्ता से अनजाने में यह गलती हो गई थी और गलती का एहसास होने के चंद घंटों के बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया से वह पोस्ट वापस ले लिया था।
राज्यों को केस ट्रांसफर करने के लिए नोटिस
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया था, उसके बारे में सभी वाकिफ हैं कि वह एक जातिसूचक है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से मुनमुन दत्ता को बड़ी राहत मिल गई है और कई राज्यों में दर्ज मुकदमों पर स्टे लगा दिया गया है। इसके अलावा राज्यों को केस ट्रांसफर करने के संबंध में नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में शिकायतकर्ता रजत कलसन ने बताया की आगामी तारीख पर वे माननीय सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे।
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