शेड्यूल 12 बी की मान्यता देने के लिए यूजीसी टीम कर रही लुवास का दौरा, मिल सकेगी ग्रांट और रिसर्च प्रोजेक्ट

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन, भारत सरकार की चार सदस्य टीम ने शुक्र

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 06:19 AM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 06:19 AM (IST)
शेड्यूल 12 बी की मान्यता देने के लिए यूजीसी टीम कर रही लुवास का दौरा, मिल सकेगी ग्रांट और रिसर्च प्रोजेक्ट
शेड्यूल 12 बी की मान्यता देने के लिए यूजीसी टीम कर रही लुवास का दौरा, मिल सकेगी ग्रांट और रिसर्च प्रोजेक्ट

जागरण संवाददाता, हिसार : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन, भारत सरकार की चार सदस्य टीम ने शुक्रवार को लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय का दौरा किया। यह टीम 17 नवंबर तक विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में उपलब्ध शिक्षा, अनुसंधान सुविधाओं का निरीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट यूजीसी को सौंपेगी।

वर्तमान में लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय को यूजीसी से शेड्यूल एस में ही मान्यता प्राप्त है। शेड्यूल 12बी में मान्यता न होने के कारण विश्वविद्यालय को इस संस्था से ग्रांट व अनुसंधान प्रोजेक्ट मिलने में समस्या आती है। अब इस टीम के दौरे के बाद आशा है कि लुवास विश्वविद्यालय को यूजीसी शेड्यूल 12बी में जल्द मान्यता प्राप्त हो जाएगी और भविष्य में विश्वविद्यालय को यूजीसी से अनुसंधान व शिक्षा के विकास के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकेगी। इस दौरे का संचालन मनोनीत नोडल अधिकारी डा. एएस यादव और डा. अमन कुमार द्वारा किया गया। ये सदस्य हैं टीम में -

यूजीसी की टीम डा. केएमएल पाठक के नेतृत्व में लुवास पहुंची हैं। टीम के सदस्यों में डा. केएमएल पाठक, डा. डीएन रांक, डा. एस जोर्ज, पशुचिकित्सा महाविद्यालय मनुथी, केरल और सतीश कुमार उपसचिव यूजीसी शामिल हैं। कुलपति ने दी शिक्षा व अनुसंधान की जानकारी -

शुक्रवार को दौरे के आरंभ में टीम के सदस्यों ने लुवास के कुलपति डा. गुरदियाल ¨सह व अन्य अधिकारियों के साथ मी¨टग की। जिसमें पशुचिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. दिवाकर शर्मा ने लुवास विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, अनुसंधान व विस्तार शिक्षा के क्षेत्र में की जा रही गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। इन विभागों का किया दौरा -

टीम के सदस्यों ने पशुचिकित्सा महाविद्यालय के पशु शल्य चिकित्सा एवं विकिरण विभाग, केन्द्रीय प्रयोगशाला, एनिमल बायोटेक्नोलॉजी, पशुचिकित्सा जनस्वास्थ्य एवं महामारी विज्ञान विभाग, पशुचिकित्सा फार्माकोलॉजी एवं टोक्सिकोलोजी, पशुचिकित्सा पैथोलोजी, पशुजन्य उत्पाद तकनीक, एनिमल ब्री¨डग व एनिमल न्यूट्रीशन जैसे विभिन्न विभागों में जाकर वहां उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की।

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