डीएपी खाद के मूल्यों में बढ़ोतरी पर इनेलो का सिरसा धरना, करण चौटाला बोले- उद्योगपतियों की है सरकार

खाद रेट व तीन कृषि कानूनों के विरोध में इंडियन नेशनल लोकदल द्वारा लघु सचिवालय में धरना दिया गया है। इस धरने में जिलेभर से इनेलो कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने भाग लिया। लघु सचिवालय के समक्ष किए जा रहे इस प्रदर्शन का नेतृत्व युवा इनेलो नेता कर्ण चौटाला ने किया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 01:58 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 01:58 PM (IST)
डीएपी खाद के मूल्यों में बढ़ोतरी पर इनेलो का सिरसा धरना, करण चौटाला बोले- उद्योगपतियों की है सरकार
सिरसा में धरने पर बैठे इनेलो नेता करण चौटाला सुनैना चौटाला पूर्व मंत्री भागी राम व अन्य।

सिरसा, जेएनएन। डीएपी खादों के दामों में सरकार की ओर से की गई बढ़ोतरी एवं केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में इंडियन नेशनल लोकदल द्वारा लघु सचिवालय में धरना दिया गया है। इस धरने में जिलेभर से इनेलो कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने भाग लिया। लघु सचिवालय के समक्ष किए जा रहे इस प्रदर्शन का नेतृत्व युवा इनेलो नेता कर्ण चौटाला ने किया। इनेलो कार्यकर्तओं ने  राज्यपाल के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा । इस अवसर पर सुनैना चौटाला, पूर्व मंत्री भागी राम, सुभाष नैन, कश्मीर सिंह करीवाला , राममूर्ति जमाल, प्रकाश मेहरा , जसवीर सिंह जस्सा , रणधीर सिंह जोधका , विनोद दडबी, कृष्णा फोगाट रामकुमार सैनी मौजूद रहे।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान इनेलो नेता करण चौटाला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार उद्योग पतियों को फायदा पहुंचा रही है जबकि गरीब, मजदूर व किसानों के विरोध में निर्णय ले रही है हाल ही में सरकार ने डीएपी खाद के रेट 12 ₹100 प्रति बैग से बढ़ाकर ₹19 कर दिए हैं! सरकार का मानना है कि इस निर्णय से कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान दब जाएंगे लेकिन किसान सरकार की नीतियों से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मंडियों में गेहूं खरीद के समुचित प्रबंध नहीं है जिस कारण किसानों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। हेलो नेता ने कहा कि केंद्र व राज्य की गठबंधन सरकार द्वारा नित्य आमजन के विरोध में फैसले लिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि स्वयं को किसानों की सबसे बड़ी हितैषी बताने वाली भाजपा का असली चाल चरित्र सबके सामने आ चुका है। भाजपा ने ही उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए तीन कृषि कानून बनाकर किसानों की पीठ में खंजर घोंपा है। उन्होंने कहा कि जब से केंद्र व राज्य में भाजपा सरकार सत्तारुढ़ हुई है तभी से किसानों के साथ-साथ आमजन को भी आरि्थक आधार पर तोड़ने का काम किया है। कभी नोटबंदी तो कभी जीएसटी जैसे कानून बनाकर देश की आरि्थक प्रगति को भी भाजपा ने ही रोका है।

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