हिसार सिविल अस्पताल में गर्भावस्था में ही मिलेगी जानकारी, बच्चे को थैलेसीमिया होगा या नहीं

हिसार के सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में रखी एचपीएलसी मशीन को शुरू कर दिया गया है। होने वाले बच्चे को थैलेसीमिया है या नहीं इसकी जानकारी पहले ही मिल जाया करेगी। बच्चे के बहन भाई को भी थैलेसीमिया है या नहीं इसकी भी जानकारी मिल जाएगी।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 08:33 AM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 08:33 AM (IST)
हिसार सिविल अस्पताल में गर्भावस्था में ही मिलेगी जानकारी, बच्चे को थैलेसीमिया होगा या नहीं
हिसार के सिविल अस्पताल में अब एक और नई सुविधा मिलने जा रही है

जागरण संवाददाता हिसार। अब हिसार जिले के सिविल अस्पताल में एचपीएलसी मशीन से थैलेसीमिया बीमारी का गर्भावस्था में ही पता लगाया जा सकेगा। साथ ही थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चे के भाई बहन तथा पेरेंट्स में भी थैलेसीमिया संबंधित लक्षणों का पता लगाया जा सकेगा। सिविल अस्पताल में ब्लड बैंक में रखी गई एचपीएलसी मशीन को अब शुरू कर दिया गया है। इस मशीन को अब उपयोग में लिया गया हैं। जिससे थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियो की शुरुआत में पहचान हो जाएगी और उनका समय रहते उपचार किया जा सकेगा।

गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में एचपीएलसी मशीन करीब एक साल पहले लाई गई थी लेकिन इसका प्रयोग शुरू नहीं किया जा सका था। क्योंकि इस मशीन को कंट्रोल करने वाले पार्ट्स मशीन के साथ नहीं भेजे गए थे। इसके कंट्रोलिंग पार्ट्स को अब स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भेजा गया है। जिससे यह मशीन अब फिर शुरू की गई है। अब इसे नियमित रूप से चलाया जाएगा।

वहीं थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों में खून की जांच तथा थैलेसीमिया के शुरुआती लक्षणों के बारे में पता लगाया जा सकेगा। गर्भवती महिलाओं में भी जांच के दौरान पता लगाया जा सकेगा कि होने वाला बच्चा थैलेसीमिया से पीड़ित होगा या नहीं। इसके अलावा थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के भाई और बहन में भी संबंधित लक्षणों की जांच की जा सकेगी। इसके अलावा पेरेंट्स संबंधित थैलेसीमिया के लक्षण जाने जा सकेंगे। गौरतलब है कि थैलेसीमिया के बच्चों में खून की कमी हो जाती है जिसके चलते उन्हें हर महीने खून चढ़ाया जाता है।

थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को सिविल अस्पताल में रजिस्टर्ड करके उनमें हर महीने सिविल अस्पताल में खून चढ़ाया जाता है। थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों में बीमारी के कारण कौन खून बन पाता। जिसके कारण उनमें खून की कमी हो जाती है ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निशुल्क खून चढ़ाया जाता है।

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