गांवों में आइसोलेशन सेंटरों में मरीजों की देखभाल व काउंसलिग करेंगे पशु चिकित्सक

संवाद सहयोगी हांसी (हिसार) गांवों में पहुंच चुकी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 11:23 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 11:23 PM (IST)
गांवों में आइसोलेशन सेंटरों में मरीजों की देखभाल व काउंसलिग करेंगे पशु चिकित्सक
गांवों में आइसोलेशन सेंटरों में मरीजों की देखभाल व काउंसलिग करेंगे पशु चिकित्सक

संवाद सहयोगी, हांसी (हिसार) : गांवों में पहुंच चुकी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग मैन पावर की कमी से किस कदर जूझ रहा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अब विभाग ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के डाक्टरों की सेवाएं लेने जा रहा है। गांवों में स्थापित किए जा रहे आइसोलेशन सेंटरों में वेटनरी सर्जन मरीजों की देखभाल ही नहीं उनकी काउंसलिग भी करेंगे। गांवों के पंचायत भवनों, चौपालों और धर्मशालाओं में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्डों में पशु चिकित्सक तैनात होंगे।

बता दें कि जिला के कई गांवों में कोरोना तेजी से फैलता जा रहा है, इससे प्रशासन बेहद चितित है। लगातार कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ता जा रहा है। रविवार से 500 चौ. देवीलाल संजीवनी कोविड केयर अस्पताल भी शुरू हो चुका है। स्वास्थ्य कर्मियों व डाक्टरों की यहां भी ड्यूटी लगाई गई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस करने के लिए जिले का स्वास्थ्य विभाग मैनपावर की कमी से जूझ रहा है और अब पशुपालन व डेयरी विभाग के 61 वेटनरी सर्जनों की आइसोलेशन वार्डों में ड्यूटी लगाई गई है। जिला प्रशासन ने जिले के वेटनरी सर्जनों को आइसोलेशन सेंटरों में काम करने के लिए ट्रेनिग भी दी है। खास बात ये है कि वेटनरी सर्जनों को अपनी मूल ड्यूटी के साथ आइसोलेशन सेंटरों का काम संभालने के निर्देश हैं। ऐसे में वेटनरी सर्जनों के कंधों पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है।

वहीं, पशु चिकित्सकों का कहना है कि महामारी के वक्त में वह देश सेवा में ड्यूटी करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें जरूरी संसाधनों तो उपलब्ध करवाएं जाएं। हालात ये हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मास्क व सैनिटाइजर तक उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं।

खुद के पैसों से खरीद रहे मास्क और सैनिटाइजर

जिला प्रशासन ने ट्रेनिग देते वक्त मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध करवाने की बात कही थी, लेकिन दोनों ही संसाधनों की बेहद कमी है। मैं स्वयं हर रोज अपने पैसों से मास्क सैनिटाइजर खरीदकर गांव में मरीजों व उनकी परिजनों को देता हूं। सभी वेटनरी सर्जन इस ड्यूटी को लेकर पूरी तरह गंभीरता से काम कर रहे हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं कि ऐसे वक्त में जब देश संकट में है उन्हें सेवाएं देने का मौका मिला है। हमारी एक ही मांग है कि सभी प्रकार के जरूरी संसाधन मुहैया करवाए जाए। वेटनरी सर्जन का काम मरीजों की देखभाल व काउंसलिग, ग्रामीणों को जागरुक करने आदि के लिए लगाई गई है। - डा. रणधीर खासा, अध्यक्ष, पशु चिकित्सा सर्जन एसोसिएशन।

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