तीनों कानून वापस न लेने के विरोध में भाटोल गांव के किसान ने 5 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल पर चलाया ट्रैक्टर
संवाद सहयोगी हांसी केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए तीनों कृषि अध्यादेशों को रद करने क
संवाद सहयोगी, हांसी : केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए तीनों कृषि काूननों को रद करने की मांग को लेकर पिछले करीब तीन महीने से धरने पर बैठे किसान अब अपने खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद करके विरोध दर्ज करवाने लगे हैं। किसान नेताओं की हुंकार से प्रभावित होकर दिल्ली बार्डर पर दिए जा रहे धरने से शनिवार को वापिस अपने गांव भाटोल जाटान में पहुंचते ही एक किसान परमजीत ने अपनी पांच एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। इतना ही नहीं, किसान परमजीत ने एलान किया कि जब तक ये तीनों काले कानून वापिस नहीं होते, वो अपने खेत में कोई भी फसल की बिजाई नहीं करेगा। खेत में खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाने की कार्यवाही के दौरान गांव के अनेक किसान मौके पर जमा हो गए और किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
परमजीत ने आरोप लगाया कि किसान पिछले तीन महीनों से तीनों काले कानून वापिस करने की एक ही मांग पर अड़ा है लेकिन देश का भविष्य उज्ज्वल करने का दम भरने वाले प्रधानमंत्री मोदी धीरे-धीरे देश को गर्त की ओर लेकर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी तो एक-एक करके सभी किसान अपनी फसलों को बर्बाद करने का फैसला ले लेंगे और देश में अन्न संकट गहरा जाएगा जिसके लिए पूरी तरह से जिम्मेवार केवल प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार होगी।
नारनौंद के किसान ने आहत होकर गेहूं की फसल पर चलाया ट्रैक्टर
संवाद सहयोगी,नारनौंद : नारनौंद के एक किसान ने कृषि कानूनों को वापस न लेने पर सरकार के प्रति गुस्सा दिखाते हुए एक एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसको नष्ट कर दिया। मौके पर सतरोल खाप के सदस्यों ने पहुंचकर किसान को समझा कर फसल नष्ट करने से रोका। नारनौंद के वार्ड नंबर 6 के किसान पवन लोहान पांच एकड़ भूमि का मालिक है। वह पिछले काफी समय से दिल्ली में किसानों के समर्थन में खड़ा हुआ है। लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते उसका सरकार के प्रति गहरा रोष है। सरकार के प्रति रोष दिखाते हुए उसने शनिवार को अपनी गेहूं की फसल में ट्रैक्टर चला दिया उसने एक एकड़ फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। सतरोल खाप के प्रधान रामनिवास लोहान सहित सैकड़ों सदस्य मौके पर पहुंच गए और उन्होंने किसान को समझा-बुझाकर फसल को नष्ट करने से रोका। किसान ने कहा कि सरकार किसानों के साथ अनदेखी कर रही है। जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, वह अपने खेत से मंडी में एक भी दाना बेचने के लिए नहीं जाएगा। सतरोल खाप के प्रधान रामनिवास लोहान ने बताया कि किसान काफी दर्द में है। उनका सरकार के प्रति गुस्सा भी जायज है। लेकिन किसानों से अपील है कि वह अपनी फसल को नष्ट ना करें ना करें।