हरियाणा में अब नाम की बजाय अपराध के हिसाब से तय होगी बैरक, खूंखार व गैंगस्टर के लिए रेड जोन आवंटित
हरियाणा में जेल विभाग ने सुधारों की दृष्टि से जेलों में नाम के क्रमानुसार बैरकों में कैदियों को रखने की परंपरा को बदल दिया है। जेल में अब अपराध की प्रवृत्ति के हिसाब से बैरक तय की गई है।
जागरण संवाददाता, सिरसा। जेल विभाग ने नाम के क्रमानुसार बैरकों में बंदियों को रखने की परंपरा को बदल दिया है। जेल में अब अपराध की प्रवृत्ति के हिसाब से बैरक तय की गई है। ऐसा इसलिए किया गया है कि बड़े अपराधों में संलिप्त बंदी का प्रभाव नए आने वाले लोगों पर न पड़ें और वे उनसे दूर रहें। सुधार के दृष्टिगत उठाए गए इस कदम को प्रदेश की जेलों में लागू कर दिया गया है। अपराध के हिसाब से बंदियों को छह भागों में बांटा गया है। रेड, आरेंज, येलो, व्हाइट, ब्लू और ग्रीन जोन में बंदियों को रखा जाएगा।
ये होंगी श्रेणियां
रेड : रेड जोन की श्रेणी में आतंकवादी, आतंकी गतिविधियों में संलिप्त, खतरनाक अपराध में शामिल, संगठित गिरोह व जेल में अपराध करने वाले, हत्या व एनडीपीएस मामले के आरोपित रखे जाएंगे।
आरेंज जोन : आरेंज जोन में प्रापर्टी संबंधी विवाद में जेल आए बंदी, इसके अलावा चोरी व कमत्तर अपराध में संलिप्त लोगों को रखा जाएगा।
येलो जोन : येलो जोन में ओपन व सेमी ओपन जेल की योग्यता रखने वाले बंदी, जिनमें ज्यादातर वे लोग होते हैं जिनकी सजा कुछ माह की रह जाती है और उनका आचरण अच्छा रहता है।
व्हाइट जोन : किसी भी अपराध में पुलिस व जेल के अधिकारी, कर्मचारी, राजनीतिक बंदी या वे बंदी जिन्हें दूसरों से खतरा है।
ब्लू जोन : ब्लू जोन में उन कैदियों को रखा जाएगा जो मामूली विवाद में जेल आए बंदी, इसके अलावा गैर इरादतन हत्या से जुड़े बंदी रखे जाने हैं।
ग्रीन जोन : ग्रीन जोन में बुजुर्ग व बीमार बंदी को ही रखा जाएगा।
आपस में टकराव करने वालों को अलग रखने के निर्देश
जेल में एक-दूसरे के विरोधी अपराधी भी मौजूद रहते हैं इसलिए जिनके बीच झगड़े के आसार या विवाद पैदा होने का अंदेशा रहता है उन्हें अलग बैरक में रखा जाएगा। लेकिन ऐसे मामलों को छोड़ दें तो शेष को अपराध के दृष्टिगत वर्गीकृत किए गए जोन में ही रहना होगा।