अगर तुम ठान लो तूफान का मुख मोड़ सकते हो ..

जागरण संवाददाता हिसार अगर तुम ठान लो तारे गगन के तोड़ सकते हो अगर तुम ठान लो तूफान

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 07:32 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:32 AM (IST)
अगर तुम ठान लो तूफान का मुख मोड़ सकते हो ..
अगर तुम ठान लो तूफान का मुख मोड़ सकते हो ..

जागरण संवाददाता, हिसार : अगर तुम ठान लो तारे गगन के तोड़ सकते हो, अगर तुम ठान लो तूफान का मुख मोड़ सकते हो, यह पंक्तियां जिला विज्ञान विशेषज्ञ डा. पूर्णिमा गुप्ता के योगदान पर सटीक बैठती हैं। जिस उम्र में बच्चों को खेलना और पढ़ना चाहिए उस उम्र में डा. गुप्ता बच्चों की मदद से लोगों की समस्याएं दूर करा रही हैं। हिसार के सरकारी स्कूलों के बच्चे डा. गुप्ता की प्रेरणा पाकर अपने नवाचारों को नया रंग भी दे रहे हैं। दरअसल इंस्पायर स्कीम के तहत बच्चों को नवाचार के लिए प्रेरित करना डा. पूर्णिमा का मुख्य काम है। वह कई वर्षों से सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्रेरित कर उन्हें लोगों की समस्याओं पर नया विचार सोचने के लिए कह रही हैं। उनके प्रेरित करने का परिणाम यह है कि कई होनहार बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान तक मिल चुकी है। यहां तक कि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सम्मानित कर चुकी हैं। इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी इन बच्चों को राष्ट्रपति भवन की विजिट के लिए बुला चुके हैं।

--------------

इस प्रकार करती हैं प्रेरित

डा. गुप्ता स्कूलों में जा-जाकर बच्चों और शिक्षकों को समझाती हैं कि किसी प्रकार से एक नवाचार उन्हें अलग पहचान दिला सकता है। वर्कशॉप आयोजित कराना, स्कूलों को कहना कि वह बच्चों के लिए आईडिया बॉक्स बनाएं ताकि बच्चों को जब विचार आए वह उस बॉक्स में डालें जैसी अहम जानकारियां देना उनके रूटीन का हिस्सा है। समस्या वाले स्थानों पर बच्चों को ले जाकर उन्हें दिखाना। इसका प्रतिफल यह है कि इंस्पायर स्कीम के तहत अधिकांश बार हिसार ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है। इस बार भी 20 बच्चों को प्रदेश स्तर की प्रतियोगिता में चयन हुआ है।

------------

यह है बड़ी चुनौती

इस स्कीम में प्राइवेट और सरकारी दोनों स्कूलों के बच्चे प्रतिभाग करते हैं। विद्यार्थियों को अपने नवाचार को वीडियो के रूप में बताना होता है फिर ऑनलाइन वीडियो अपलोड करती होती है। ऐसे में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान डा. गुप्ता देती हैं। वह बार-बार स्कूल प्रशासन को रीकॉल कराती हैं कि वह प्रतियोगिता में भाग लें, बच्चों को कहें कि वह नए विचार सोचने पर काम करें। यही कारण है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी दिल्ली तक अपनी पहचान बना रहे हैं।

--------------

इस बार इन सरकारी स्कूलों के बच्चों ने यह दिए मॉडल केस 1---

पानी से बचाएगी सस्ती लाइफ जैकेट

भोड़िया बिश्नोइयान के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी निखिल ने इंस्पायर स्कीम के तहत लाइफ जैकेट बनाई है। जो पानी में डूबने से व्यक्ति को बचाएगी। इस जैकेट में कोल्डड्रिक की बोतलों का प्रयोग किया गया है। यह विचार स्कीम में चयनित हुआ, अब निखिल को प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग के लिए भेजा गया है।

केस 2----

मल्टीपर्पज कुर्सी

न्यौली खुर्द के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र सौरव ने मल्टीपर्पज कुर्सी बनाई है। यह विचार प्रदेश स्तर की प्रतियोगिता के लिए चयनित भी हुआ है। सौरव की बनाई कुर्सी को कुर्सी के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है साथ ही इसकी सीढ़ी बनाकर भी प्रयोग हो सकता है।

chat bot
आपका साथी