ब्रिटेन से हिसार आने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट में सीटी वेल्यू 25 से नीचे होगी तो दिल्ली भेजे जाएंगे सैंपल

कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट में अगर सीटी वेल्यू 25 फीसद तक नीचे रहती है तो इनके सैंपल जांच के लिए दिल्ली की सीएसआईआर ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटरगेटिव बायोलॉजी लैब में भेजे जाएंगे। कोरोना रिपोर्ट में सीटी वेल्यू का अर्थ कोरोना वायरस की सक्रियता होना है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 09:36 AM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 09:36 AM (IST)
ब्रिटेन से हिसार आने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट में सीटी वेल्यू 25 से नीचे होगी तो दिल्ली भेजे जाएंगे सैंपल
हिसार में अब कोरोना आखिरी चरण में चल रहा है, बस थोड़ी और सावधानी की आवश्‍यकता है

हिसार, जेएपएन। स्वास्थ्य विभाग ब्रिटेन से आने वाले और कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट में अगर सीटी वेल्यू 25 फीसद तक नीचे रहती है तो इनके सैंपल जांच के लिए दिल्ली की सीएसआईआर ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटरगेटिव बायोलॉजी लैब में भेजे जाएंगे। कोरोना की रिपोर्ट में सीटी वेल्यू का अर्थ कोरोना वायरस की अधिक सक्रियता होना है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के आदेशों पर अब ब्रिटेन से आने वाले लोगों में कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए दिल्ली की लैब में जीनो टाइप टेस्ट किया जाएगा। इसे लेकर विभाग ने जिले की सभी सरकारी एवं निजी लैब को यूके से लौटे लोगों के सैंपल अपने पास रखने के निर्देश जारी किए है, ताकि बाद में जीनो टाइप टेस्ट किए जा सके। ऐसा कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की आशंका के चलते किया गया है।

स्वास्थ्य मुख्यालय की तरफ से सोमवार दोपहर इस बारे में स्टेट डायरेक्टर उषा गुप्ता ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से आदेश दिए। आदेशों में बताया गया कि बैठक कर सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों काे आदेश दिए गए है। आदेशों के अनुसार उन सभी लोगों के टेस्ट अपने पास संभाल कर रखने होंगे जो ब्रिटेन से आ रहे है। विभाग के अनुसार इससे यह पता लगाया जाएगा कि इन लोगों में वायरस के नए स्ट्रेन का खतरा है या नहीं, क्योंकि दिल्ली के साथ लगते हरियाणा के भी कुछ जिलों में ब्रिटेन से लौट लोगों में वायरस का नए स्ट्रेन मिला है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के काेरोना के नए स्ट्रेन का पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि यह प्रदेश में कितने लोगों में है ताकि इससे बचा जा सकें।

-- -- - इन लोगों के सैंपल रखने के लिए लिए विभाग ने एनआरसीई लैब को निर्धारित किया है, जहां पर -70 डिग्री के तापमान की व्यवस्था है। इसलिए सभी सैंपल वहीं पर रखे जाएंगे। सभी लैब में रखे गए सैंपल एनआरसी लैब में रखे जाएंगे, ताकि सभी सैंपल को सुरक्षित रखा जा सके।

5 से 6 फीसद सैंपल भेजे जाएंगे -

जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा सभी सैंपल में से केवल 5 से 6 फीसद सैंपल ही दिल्ली स्थित लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे, वहीं बाकी सुरक्षित रखे जाएंगे। इसी के साथ इन सभी सैंपल को भी - 70 डिग्री के तापमान पर रखा जाएगा। साथ ही इन्हें ट्रिपल लेयर बॉक्स में भेजा जाएगा। इन बॉक्स को ड्राई आईस बॉक्सेज कहा जाता है।

जिले में एंटीबॉडी टेस्ट के लिए की जाएगी रैंडम सैंपलिंग

जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना की वास्तविक्ता को जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एंटीबॉडी टेस्ट किये जाएंगे। इसके लिए मुख्यालय से जिले में 1300 किट भेजी गई है। प्रत्येक सीएचसी में करीब 80 से 90 सैंपल लेकर एंटीबॉडी टेस्ट किए जाएंगे। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इससे पहले जिले में दो बार एंटीबॉडी टेस्ट के लिए सीरो सर्वे करवाया जा चुका है।

जिले में एक्टिव केस की संख्या घटकर 65 पर पहुंची, रिकवरी रेट 97.73 फीसद हुआ

उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट 97.73 फीसद हो गया है। इसी प्रकार से कोरोना संक्रमण के एक्टिव केसों की संख्या भी घटकर 65 पर पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि जिले में मंगलवार को 8 नए मामले मिले। वहीं जिले में 2 लाख 97 हजार 352 लोगों की सैंपलिंग की गई है। अभी तक कोरोना संक्रमण के 17 हजार 26 केस आ चुके हैं, इनमें से 16 हजार 640 संक्रमित रिकवर हो चुके हैं। जिले में 321 कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई है। जिलावासियों से कोरोना से बचाव को लेकर सभी जरूरी सावधानियां बरतने की अपील करते हुए उपायुक्त ने कहा कि फिलहाल कोरोना का प्रभाव कम हुआ है, लेकिन हम सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है। मास्क और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन हमें इस बीमारी से दूर रख सकता है।

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