रोहतक में यूं ही बढ़ते रहे संक्रमित तो लाला श्यामलाल बिल्डिंग होगी कोविड अस्पताल में तब्दील

कोरोना संक्रमितों को लेकर आगामी रणनीति तैयारी कर ली गई है। मरीजों की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ती है तो लाला श्याम लाल बिल्डिंग को भी कोविड अस्पताल बना दिया जाएगा। फिलहाल ट्रामा सेंटर में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 03:13 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 03:13 PM (IST)
रोहतक में यूं ही बढ़ते रहे संक्रमित तो लाला श्यामलाल बिल्डिंग होगी कोविड अस्पताल में तब्दील
रोहतक जिले में अभी तक 14337 संक्रमित हो चुके हैं।

रोहतक, जेएनएन। पीजीआइएमएस में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों को लेकर आगामी रणनीति तैयारी कर ली गई है। मरीजों की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ती है तो लाला श्याम लाल बिल्डिंग को भी कोविड अस्पताल बना दिया जाएगा। फिलहाल, ट्रामा सेंटर में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। यहां भी मरीजों की संख्या बेड से अधिक होने पर 70 बेड मनोरोग विभाग की बिल्डिंग में उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें ग्राउंड फ्लोर पर 35 बेड पर मरीजों को भर्ती भी किया जा चुका है। एमएस डा. पुष्पा दहिया ने बताया कि मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में मनोरोग विभाग में कुछ मरीजों को शिफ्ट किया गया है। सभी बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध करा दी गई है।

दूसरी ओर पीजीआइएमएस अपने हेल्थ वर्कर्स लगातार कोरोना की चपेट में आने से भी परेशान है। मंगलवार को पीजीआइ के 12 डाक्टर समेत 36 हेल्थ वर्कर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस वर्ष अस्पताल के कुल 420 हेल्थ वर्कर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। स्कूल और अस्पताल में लगातार कोरोना संक्रमित के मामले आए हैं। बालंद गांव के एक कालेज में 51 विद्यार्थी की मंगलवार को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिकवरी रेट में 91.39 फीसद पहुंच गया है। एक्टिव केस 1061 हो गए हैं। इनमें 1027 होम आइसोलेशन में हैं, जबकि 34 को अस्पताल में भर्ती किया गया है। 112934 व्यक्ति वैक्सीन लगवा चुके हैं।

जिले में अभी तक 14337 संक्रमित हो चुके हैं। जबकि, 13104 स्वस्थ हुए हैं। जिले में मंगलवार केा 1776 लोगों ने कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल दिए हैं। बुधवार देर शाम तक इनकी रिपोर्ट आने की संभावना है। अभी तक जिले में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 174 लोगों की जान कोरोना संक्रमण से गई है। मंगलवार तक ट्रामा सेंटर में 221 एक्टिव कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा था, जबकि यहां महज 208 बेड की ही व्यवस्था है।

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