रास्ता खुलने की आस में लगातार दूसरे दिन टीकरी बार्डर पर पहुंचे सैंकड़ों वाहन, निराश होकर लौटे

रास्ता खुलने की आस में वाहन चालक टीकरी बार्डर पहुंच रहे हैं। वाहन चालकों को पीएम की घोषणा के बाद आस थी कि शायद टीकरी बार्डर से रास्ता खोल दिया होगा मगर यहां पहुंचने पर उन्हें पता चलता है कि टीकरी बार्डर बंद है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 04:01 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 04:01 PM (IST)
रास्ता खुलने की आस में लगातार दूसरे दिन टीकरी बार्डर पर पहुंचे सैंकड़ों वाहन, निराश होकर लौटे
तीन कानून रद करने की घोषणा होने के बाद आमजन चाहता है कि बार्डर खोल दिए जाएं

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीन कृषि कानून वापस लेने के फैसले के बाद रास्ता खुलने की आस में वाहन चालक टीकरी बार्डर पहुंच रहे हैं। लगातार दो दिन से यहां पर हर रोज सैंकड़ों वाहन बार्डर पहुंचने लगे हैं। वाहन चालकों को पीएम की घोषणा के बाद आस थी कि शायद टीकरी बार्डर से रास्ता खोल दिया होगा, मगर यहां पहुंचने पर उन्हें पता चलता है कि टीकरी बार्डर बंद है। बार्डर पर लगे सुरक्षा बल के जवान उन्हें लाख मिन्नतें करने के बाद भी बार्डर पार नहीं करने दे रहे हैं। ऐसे में वाहन चालकों को वापस लौटना पड़ता है और ऊबड़-खाबड़ दूसरे रास्तों से दिल्ली में प्रवेश करना पड़ता है।

दो दिन से वाहन चालक इसी दुविधा में फंसे हुए हैं, जिससे बार्डर के आंदोलन स्थल पर वाहनों का जमावड़ा रह-रहकर लगता रहता है। सेक्टर नौ बाईपास चौक से नाका कुछ दिन से हटा लिया गया है, इस कारण भी वाहन चालक सीधे टीकरी बार्डर पर पहुंच रहे हैं। अगर सेक्टर नौ मोड़ पर नाका लगा रहता और पुलिस इस नाके से वाहनों को झाड़ौदा बार्डर की तरफ मोड़ देती है तो टीकरी बार्डर तक ये वाहन नहीं पहुंचते। ऐसे में किसान नेताओं ने दोबारा से पुलिस नाका लगवाने की मांग की है ताकि वाहनों की संख्या ज्यादा ना हो और कोई दुर्घटना बार्डर की तरफ ना घटे।

ग्रेप की बंदिशों का समय नहीं बढ़ा तो आज रात 12 बजे के बाद मिलेगा वाणिज्यिक वाहनों का दिल्ली में प्रवेश

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से ग्रेप की बंदिशों का समय नहीं बढ़ाया तो सोमवार रात के 12 बजे के बाद वाणिज्यिक वाहनों दिल्ली में प्रवेश मिल सकेगा। 22 नवंबर की रात 12 बजे तक दिल्ली में ट्रकों व वाणिज्यिक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी ताकि कई दिनों से प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर कुछ हद तक कमी लाई जा सके। इसी वजह से झाड़ौदा बार्डर पर रविवार को ट्रकों की कतार लग गई थी, मगर बाद में ट्रक अन्य रास्तों से या तो दिल्ली में प्रवेश कर गए या फिर वापस चले गए।

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