एचएसवीपी ने अतिरिक्त दिया पेयजल बिल, सेक्टरवासियों में रोष, प्रशासक व ईओ से आज करेंगे मुलाकात

(एचएसवीपी) की ओर से सेक्टरवासियों को 7-7 माह का एक साथ बिल भेज दिया है। आरडब्ल्यूए के सचिव राकेश आर्य के अनुसार 1 जून 2020 से करीब 20 जनवरी 2021 तक के एक साथ बिल भेज दिए। इन बिलों में प्रतिमाह भेजे जाने वाले बिलों के अनुसार रेट नहीं लगाए

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 11:53 AM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 11:53 AM (IST)
एचएसवीपी ने अतिरिक्त दिया पेयजल बिल, सेक्टरवासियों में रोष, प्रशासक व ईओ से आज करेंगे मुलाकात
7 माह के बिल एक साथ वह भी अधिकत्तम चार्ज लगाकर भेजने के विरोध में शुक्रवार को सेक्टरवासी एकजुट हुए।

हिसार, जेएनएन। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने सेक्टरों में पेयजल व सीवरेज बिल अतिरिक्त भेजने पर सेक्टरवासियों में भारी रोष है। 7 माह के बिल एक साथ वह भी अधिकत्तम चार्ज लगाकर भेजने के विरोध में शुक्रवार को सेक्टरवासी एकजुट हुए। विभिन्न सेक्टरों के प्रधान व सचिव ने पीएलए के प्रधान सतपाल ठाकुर के नेतृत्व में मीटिंग कर अपने अपने सेक्टरों की अतिरिक्त बिलों की प्रति दिखाकर उन पर चर्चा की। इसके बाद एचएसवीपी में प्रशासक और संपदा अधिकारी को अपनी समस्या रखकर उसके समाधान की मांग की जाएगी।

14 हजार सेक्टरवासियों को भेजे 7 माह के बिल

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर से सेक्टरवासियों को 7-7 माह का एक साथ बिल भेज दिया है। आरडब्ल्यूए के सचिव राकेश आर्य के अनुसार 1 जून 2020 से करीब 20 जनवरी 2021 तक के एक साथ बिल भेज दिए है। इन बिलों में प्रतिमाह भेजे जाने वाले बिलों के अनुसार रेट नहीं लगाए बल्कि एक साथ 7 माह की रिडिंग लेकर उन का बिल जोड़कर भेज दिया। इन बिलों में पेयजल व सीवरेज के सर्वाधिक रेट लगाए गए। जबकि प्रतिमाह रिडिंग लेकर बिल तैयार होता तो उसका बिल कम आता। सेक्टरवासियों पर पेयजल व सीवरेज बिल के नाम पर एचएसवीपी प्रशासन ने अतिरिक्त बिल भेजनकर आर्थिक परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे में अब सेक्टरवासी इसका विरोध करेंगे। पहले प्रशासन से बातचीत कर इन बढ़े हुए बिलों को कम करवाने के लिए प्रयास किया जाएगा। यदि बिल कम नहीं होते है तो सेक्टरवासियों की मीटिंग बुलाकर सर्वसम्मति के बाद आगामी कदम उठाया जाएगा।

इन केसों से समझे अतिरिक्त बिल का खेल

केस नंबर 1 :

अर्बन एस्टेट-टू के निवासी जगतपाल बेरवाल के अनुसार साल 2020 से पूर्व पिछले 5 साल में प्रतिमाह 50 रुपये से अधिक पेयजल बिल नहीं आया। साल 2020 में एक फरवरी 2020 से 30 जून 2020 का पेयजल बिल एकसाथ 553 रुपये भेज दिया। इसमें प्रतिमाह 110 रुपये बना। इसका कारण यह था कि 5 माह की रीडिंग के अनुसार बिल स्लैब का अधिकतम चार्ज जोड़ा गया है। जिसके कारण दो गुणा से अधिक बिल भुगतान करना पड़ा। बता दे कि वर्तमान में नए बिलों में भी यहीं समस्या है। जिससे सभी सेक्टरवासी जूझ रहे है।

केस नंबर 2 :

अर्बन एस्टेट-टू के मकान नंबर 1307 में एचएसवीपी ने 1 जून 2020 से करीब 20 जनवरी 2021 तक का बिल दिया। मकान मालिक का कहना है कि बिल रुटीन में करीब 250 रुपये के आसपास ही आते थे। पहली बार करीब ढाई हजार रुपये बिल आया। जब जेई को बताया कि इतना अधिक बिल जानने का कारण जानना चाहता तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इसी प्रकार पीाएलए प्रधान ने कहा कि हमारे पाए एक बिल करीब 570 रिडिंग का करीब 5 हजार रुपये का बिल है जबकि प्रतिमाह बिल आता तो कम होता। इसी प्रकार सेक्टरों में अधिकत्तम करीब 10 रुपये के हिसाब से बिल भेज रखे है। एचएसवीपी सेक्टरवासियों को इस प्रकार नाजायज तंग कर रहा है।

----सेक्टरों में 7-7 माह के पेयजल व सीवरेज बिल भेज दिए है। बिल में पेयजल के सर्वाधिक रेट लगाकर सेक्टरवासियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। इसके विरोध में आज सभी सेक्टरों के प्रधान व सचिव एकजुट होकर प्रशासक और संपदा अधिकारी से मिलेंगे और अपनी मांग उनके सामने रखकर बिल कम करवाने के लिए प्रयास किया जाएगा।

- सतपाल ठाकुर, प्रधान, पीएलए सेक्टर हिसार।

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