HPSC Recruitment Case: सीबीएलयू करेगा अपने स्तर पर जांच, डा. पवन को जारी हो सकता है नोटिस

विश्वविद्यालय के रिकार्ड के अनुसार डा. पवन की उम्र 45 साल से ऊपर है। वह करीब ढाई साल पहले विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक के पद पर आए थे। उससे पहले वह नोयडा की तरफ से ही आर्मी कालेज में नौकरी करते थे।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 03:29 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 03:29 PM (IST)
HPSC Recruitment Case: सीबीएलयू करेगा अपने स्तर पर जांच, डा. पवन को जारी हो सकता है नोटिस
डा. पवन के ड्यूटी पर आने के बाद किया जाएगा जवाब तलब

भिवानी, जागरण संवाददाता। भिवानी के चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय (सीबीएलयू) के परीक्षा नियंत्रक डा. पवन गुप्ता दिल की बीमारी के चलते एक माह की छुट्टी पर चले गए है। दो दिन पहले उनका मेडिकल विश्वविद्यालय के समक्ष पहुंचा। दूसरी तरफ विजिलेंस की जांच में नाम आने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन भी अपनी तरफ से जांच कर डा. पवन गुप्ता से जवाब तलब करने के साथ उन पर कार्रवाई कर सकता है। इसको लेकर डा. पवन के दोबारा ड्यूटी पर आने के बाद कार्रवाई आगे बढ़ेगी। अभी मेडिकल के अनुसार करीब 21 दिसंबर तक छुट्टी पर है।

विजिलेंस के आने के बाद विश्वविद्यालय अपने स्तर पर करेगा जांच

हरियाणा लोक सेवा आयोग में भर्ती फर्जीवाड़े में पूर्व निलंबित एचपीएससी के उप सचिव अनिल नागर व अन्य आरोपितों ने डा. पवन के बारे राज उगले है। उसके बाद सोमवार को विजिलेंस का तीन सदस्य दल सीबीएलयू में पहुंचा था। कुलपति और रजिस्ट्रार के नहीं मिलने के कारण विजिलेंस टीम कुलपति के निजी सचिव रवि मदान से मिली थी। उनसे जानकारी लेने के बाद वह वापस चली गई थी।

मेडिकल लीव पर गए सीबीएलयू के कंट्रोलर डा. पवन

सीबीएलयू के रिकार्ड के अनुसार डा. पवन को दिल की बीमारी है और उनका मेडिकल विश्वविद्यालय के पास पहुंच गया है। उनकी तरफ से यह जानकारी विजिलेंस से भी सांझा की गई। वहीं डा. पवन भिवानी के सेक्टर 13 में किराये के मकान पर रहते है और वह मूल रूप से नोयडा के रहने वाले है।

करीब ढाई साल पहले आए थे विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय के रिकार्ड के अनुसार डा. पवन की उम्र 45 साल से ऊपर है। वह करीब ढाई साल पहले विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक के पद पर आए थे। उससे पहले वह नोयडा की तरफ से ही आर्मी कालेज में नौकरी करते थे। विश्वविद्यालय में रेगुलर पोस्ट मिलने के बाद वह अभी परीक्षा नियंत्रक थे। सूत्रों की माने तो विजिलेंस की पकड़े गए अश्वनी जिस एजेंसी में काम करता है उसी एजेंसी से विवि भी अपने पेपर चेक करवाता है। डा. पवन पर उसी के चलते नंबर देने के आरोप भी लग रहे है।

विवि करेगा अपने स्तर पर जांच

विजिलेंस टीम के विवि में आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। डा. पवन के मामले की विजिलेंस के अलावा विश्वविद्यालय भी अपने स्तर पर जांच कर कर सकता है। जांच शुरू होने से पहले डा. पवन से जवाब भी मांगा जाएगा। लेकिन अभी इसमें समय लग सकता है। यह पूरी कार्रवाई उनके ड्यूटी पर वापस आने के बाद ही होगी।

सीबीलयू के कुलपति प्रो. आरके मित्तल के अनुसार

परीक्षा नियंत्रण पवन के वापस आने के बाद ही मामले के बारे में जवाब मांगा जाएगा। विजिलेंस विश्वविद्यालय में आई थी और स्टाफ की तरफ से उनको जानकारी दे दी गई है।

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