गांव में फैला कोरोना तो संक्रमितों कैसे मिलेगा तुरंत उपचार, सीएचसी में न बेड न आक्सीजन

गांव में कोरोना का असर देखा जा सकता है। मगर कोरोना से लड़ाई के लिए प्रशासन की ओर तैयारी पूरी नहीं की जा जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 07:46 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 07:46 AM (IST)
गांव में फैला कोरोना तो संक्रमितों कैसे मिलेगा तुरंत उपचार, सीएचसी में न बेड न आक्सीजन
गांव में फैला कोरोना तो संक्रमितों कैसे मिलेगा तुरंत उपचार, सीएचसी में न बेड न आक्सीजन

जागरण संवाददाता, हिसार : गांव में कोरोना का असर देखा जा सकता है। मगर कोरोना से लड़ाई में हम कितने तैयार हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले में 10 सीएचसी हैं मगर कहीं भी कोविड मरीजों का उपचार नहीं होता। ऐसे में ग्रामीणों को इलाज करवाने शहर आना पड़ रहा है। कोरोना के लिए आइसोलेशन वार्ड तो दूर डॉक्टर तक डेपुटेशन पर शहर के नागरिक अस्पताल या दूसरी जगहों पर गए हुए थे। हिसार जिले में नारनौंद, हांसी, आदमपुर के सीसवाल, बरवाला और उकलाना में सीएचसी हैं। इन सभी सीएचसी में कोविड मरीजों के लिए कोई बेड नहीं है। अगर यहां कोई कोविड का गंभीर मरीज आता है भी तो उसे सीधा हिसार के नागरिक अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। इसके अलावा नारनौंद और सिवानी में 50-50 बेड के अस्पताल हैं। यहां पांच-पांच छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। सिवानी में तीन ऑक्सीजन कंसट्रेटर खाली हैं। मगर इनका अभी तक कोई इस्तेमाल नहीं किया गया है। अगर सीएचसी में बेड की उपलब्धता देखी जाए तो 150 बेड से ज्यादा बेड खाली हैं मगर किसी में भी ऑक्सीजन नहीं है। अगर ऑक्सीजन है तो वह गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के लिए चार से पांच छोटे-छोटे सिलेंडर मौजूद हैं। स्टाफ के नाम पर शहर में तो डॉक्टर हैं मगर गांवों में बनी सीएचसी में कोई डॉक्टर नहीं है। जिले में यहां हैं सीएचसी

- आर्य नगर, बरवाला, मंगाली, सिसाय, सीसवाल, सोरखी, नारनौंद और उकलाना, खांडाखेड़ी और मिर्चपुर। ये है बेड की स्थिति

नारनौंद : 50

बरवाला : 25

उकलाना : 24

आमदपुर: 60

हांसी : 60

आदमपुर में 60 बेड में से तीन ऑक्सीजन बेड

मंडी आदमपुर: आदमपुर में कोविड सेंटर बनाने की मांग यहां के लोगों, संगठनों व जनप्रतिनिधियों ने पिछले कई दिनों से की हुई है। आदमपुर के 60 बेड के नागरिक हस्पताल में बनाए गए कोविड वार्ड में केवल तीन ही ऑक्सीजन बेड हैं और सभी बेड मरीजों से भरे रहते हैं। गंभीर मरीजों के आने पर उन्हें अग्रोहा या हिसार जाना पड़ता है। वहीं सीसवाल सीएचसी के अंतर्गत पांच पीएचसी सीसवाल, चूली बागड़ियान, काजला, डोभी व न्योली कलां आते हैं। सभी पांचों पीएचसी में वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है। सीसवाल सीएचसी को 30 बेड का नया भवन अब तक हैंडओवर न किए जाने के चलते सीसवाल सीएचसी अब तक पीएचसी के पुराने भवन में चल रही है। सीसवाल पीएचसी में केवल आठ बेड है। जिनमें दो आक्सीजन बैड है वो भी महिलाओं की डिलीवरी के लिए है। सिवानी में ऑक्सीजन बेड पर मरीज नहीं

सिवानी: सिवानी शहर में बने 50 बेड के नागरिक अस्पताल में वर्तमान में कोई भी मरीज दाखिल नहीं है । इस अस्पताल में ऑक्सीजन के नाम पर पांच छोटे सिलेंडर हैं जो कि एक मरीज के लिए 3 से 4 घंटे प्रयोग किए जा सकते हैं। अस्पताल में केवल मात्र एक डॉक्टर नियुक्त है इसके अलावा अस्पताल में तीन ऑक्सीजन कंसंनेटर उपलब्ध है, जो कि खाली हैं और वर्तमान में कोई कोरोना का मरीज यहां पर दाखिल नहीं है।

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उकलाना में 24 बेड मगर कोरोना संक्रमितों के लिए नहीं

उकलाना की सीएचसी में मौजूद 24 बेडों में से केवल 5 या 6 बेड को ही ऑक्सीजन मिल रही है और वो भी केवल 5 या 6 सिलेंडरों की उपलब्धता से ही दी जा रही है। अब अगर ऐसे में क्षेत्र में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ जाती है तो उकलाना के सरकारी अस्पताल को खुद इस समय ईलाज की जरूरत है। सीएचसी उकलाना में कम से कम 11 डॉक्टरों की रिक्वायरमेंट है जबकि इस समय केवल अस्पताल में 2 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। 9 पदों पर और डॉक्टर अस्पताल में होने चाहिए। वहीं, अस्पताल में इस समय 11 नर्स कार्यरत हैं और उनमें से भी 5 नर्स कोरोना पॉजीटिव हो गई हैं जिसके कारण इस समय केवल 6 नर्स ही अस्पताल में कार्यरत हैं। उनमें से भी कुछ स्टॉफ नर्स को जरूरत के हिसाब से जिले में भी भेजा जाता है। जिसके बाद यहां पर स्टॉफ का अभाव हो जाता है।

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