कोरोना का कहर: एएसआइ ने हिसार के सात ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों के लिए बंद किए

संवाद सहयोग हिसार (हांसी) बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 11:50 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:50 PM (IST)
कोरोना का कहर: एएसआइ ने हिसार के सात ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों के लिए बंद किए
कोरोना का कहर: एएसआइ ने हिसार के सात ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों के लिए बंद किए

संवाद सहयोग, हिसार (हांसी) : बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) ने उनके तहत आने वाले सभी ऐतिहासिक स्मारकों को आगामी आदेशों तक बंद कर दिया है। जिले के सात स्मारक इस सूची में शामिल हैं। अब लोग गुजरी महल, लाट की मस्जिद, हांसी का प्रसिद्ध ऐतिहासिक किले के अलावा राखीगढ़ी में स्थित हड़प्पाकालीन साइट नहीं देख पाएंगे।

पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण बढ़ने पर भी इन स्मारकों को बंद किया गया था, लेकिन बाद में स्थिति सामान्य होने पर खोल दिया गया था। इस साल फिर से कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में फैल रही है। जिस कारण से सरकार को ऐतिहासिक स्मारकों को पर्यटकों के लिए बंद करने का निर्णय लेना पड़ा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वीरवार को जारी आदेश के अनुसार कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए सभी केंद्रीय संरक्षित स्मारकों/स्थलों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत संग्रहालयों को तत्काल प्रभाव से 15 मई या अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला किया है। इस दौरान देशभर में स्थित 3693 स्मारक और 50 संग्रहालय बंद रहेंगे। जिला प्रशासन भी आदेशों की प्रति मिलने का इंतजार कर रहा है और आदेश प्राप्त होते ही पर्यटकों के लिए ये स्मारक बंद कर दिए जाएंगे।

हिसार में केंद्रीय संरक्षित एतिहासिक स्मारक

-पृथ्वी राज चौहान किला, हांसी

-अग्रोहा का टीला, अग्रोहा

-गुजरी महल, हिसार

-लाट की मस्जिद, हिसार

-राखी गढ़ी के हड़प्पाकालीन टीले, नारनौंद

-फिरोज शाह पैलेस, हिसार

-ऐतिहासिक बड़सी गेट, हांसी

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स्मारक बंद होने से इन्हें होंगे परेशानी

जिले के एतिहासिक स्मारकों पर बाहर से पर्यटक फोटोग्राफी करने व शोध के लिए भी आते हैं। अब स्मारक बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी शोधार्थियों को होगी, जो इन स्मारकों पर शोध कार्य कर रहे हैं। राखीगढ़ी में स्थित हड़प्पाकालीन टीलों पर भी शोधार्थी रिपोर्ट तैयार करने के लिए आते रहते हैं। यही नहीं, जिले के संग्राहलय भी अब बंद रहेंगे और शोधार्थी एतिहासिक दस्तावेजों को नहीं देख पाएंगे।

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