हिसार के वरिष्ठ रंगकर्मी राजेश कपूर का निधन

रंगकर्मियों में शोक की लहर उनसे जुड़े मर्मज्ञों को इंटरनेट मीडिया पर परिचितों ने किया साझा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 11:20 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 11:20 PM (IST)
हिसार के वरिष्ठ रंगकर्मी राजेश कपूर का निधन
हिसार के वरिष्ठ रंगकर्मी राजेश कपूर का निधन

- रंगकर्मियों में शोक की लहर, उनसे जुड़े मर्मज्ञों को इंटरनेट मीडिया पर परिचितों ने किया साझा

फोटो- 8

जागरण संवाददाता, हिसार : मोहल्ला रामपुरा निवासी वरिष्ठ रंगकर्मी राजेश कपूर का बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलने ही रंगकर्मियों में शोक की लहर दौड़ गई। सभी ने उनके साथ बिताए दिनों को याद करते ही इंटरनेट मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। स्व. राजेश के सिखाए कलाकार आज कई बड़े संस्थानों व बालीवुड में प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। स्व. राजेश ने हिसार के दयानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय से एक्टिग की शुरुआत की थी। इसके बाद चंडीगढ़ स्थित टैगोर थिएटर में अग्रणी रंगकर्मी के रूप में अभिनय और निर्देशन के गुर सीखे। उन्होंने अभिनय रंगमंच की नींव रखी इसके साथ ही वरिष्ठ रंगकर्मी मनीष जोशी के गुरु भी रहे। वह वर्तमान में राजकीय विद्यालय गारनपुरा में मुख्याध्यापक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने शहर के डीएन कालेज, गवर्नमेंट कालेज, एफसी कालेज, जाट कालेज में नाटकों का निर्देशन किया। उनके सुप्रसिद्ध नाटकों में एक था गधा उर्फ अलादाद खां, कोर्ट मार्शल, जिन लाहौर नहीं वेख्या, टोबा टेक सिंह, समझदार लोग, सिंहासन खाली है, घासीराम कोतवाल आदि शामिल हैं। उनके भाई अनुरंजन कपूर बताते हैं कि उन्होंने अपने अंतिम संदेश में कहा कि विधाता के लिखे लेख को मिटा दें तीनों लोक में ऐसी रबड़ नहीं, तो क्यों ना उसकी रजा में ही रहा जाए।

रंगकर्मियों ने यह दी प्रतिक्रिया

मैंने नाटक की शुरुआत राजेश सर के निर्देशन में ही हिसार के गवर्नमेंट कालेज से की थी। आज रंगकर्म के प्रथम गुरु के अकस्मात अवसान की सूचना पाकर स्तब्ध हूं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

-अल्पना सुहासिनी राजेश कपूर के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। विश्वास नहीं होता। हिसार के रंगमंच में आपका योगदान सराहनीय है। आपको दिल से नमन है।

-बृजेश शर्मा अभिनय रंग मंच के संस्थापक और मंच के प्रथम नाट्य गुरु राजेश कपूर हम सबको कला की सौगात देकर पंचतत्व में विलीन हो गए। छत के आभाव को महसूस करते शोकाकुल सह-कलाकर्मी।

- नरेश भारतीय, रंगकर्मी राजेश कपूर मेरे प्रथम गुरु रहे। इन्हीं के साथ मैने मंच पर कदम रखा था। आप मेरी स्मृतियों में हमेशा रहेंगे।

-मनीष जोशी, वरिष्ठ रंगकर्मी

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