Hisar University: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, राम से सीखें जन्मभूमि का महत्व, पढ़ें बढ़ें मगर अपने देश के लिए
कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने विभिन्न विभागों का दौरा करते हुए कहा कि शोध को केवल आइडिया तक सीमित न रखें। इस पर आगे भी कार्य करें। शोध को स्टार्ट-अप के माध्यम से पेटेंट तक पहुंचाएं ताकि यह समाज के लिए उपयोगी हो सके। शोधार्थी स्वयं को आत्मनिर्भर बनाएं।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मंगलवार को शीर्ष नेतृत्व एवं शासन- राष्ट्र निर्माण की ओर विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें राज्यपाल व कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्र निर्माण पर मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कुशल शासक वही होगा जो बलिदान और त्याग से परिपूर्ण होगा।
युवा बन सकता है आत्मनिर्भर
मर्यादा पुरूषोत्तम राम एक आदर्श शासक थे, जिन्होंने शौर्य से भरी लंका को छोड़कर अपनी नगरी अयोध्या में आना पसंद किया, क्योंकि अपनी जन्म भूमि स्वर्ग से महान है। विद्यार्थी पढ़ें और बढ़ें भी मगर अपने देश में रहकर काम करें। उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार शोध एवं शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार से आगे बढ़ रहा है। आज कौशल विकास का युग है। इसी पर आधारित शिक्षा पाकर ही आज का युवा आत्मनिर्भर बन सकता है।
2025 तक यह शिक्षा नीति लागू करने के लिए सरकार कटिबद्ध
नई शिक्षा नीति पर विचार प्रकट करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है और 2025 तक यह शिक्षा नीति लागू करने के लिए सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक, नए अनुसंधान, नए शोध और नवाचार लैब में नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसे लैंड तक आना चाहिए। यही नहीं, शिक्षा गरीबी को दूर कर सकती है, समाज को बदल सकती है। इस दौरान हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कराए कार्यों की जानकारी दी।
वेद शास्त्र के जरिए समझाई मैथालाजी
विद्या भारती हरियाणा के अध्यक्ष डीपी भारद्वाज ने जिस पर लोग विश्वास नहीं करते, उसे मैथालाजी कहते हैं। मिथ और मिथ्या इसी से ही निकले हैं। उन्होंने भगवान राम के चत्रित को समझाते हुए राष्ट्र निर्माण का रास्ता सुझाया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बलदेव राज काम्बोज ने संगोष्ठ के विषय पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि भारत एक प्राचीन राष्ट्र है, जिसकी अपनी जीवंत संस्कृति है। वेद, शास्त्र, पुराण और साहित्य हमारी संस्कृति की विवृत्तियां ही हैं। भारत की राष्ट्रीयता की सच्ची पहचान यहां की संस्कृति ही है। जब किसी समाज में राजनीतिक एकता के साथ संस्कृति भी शामिल होती है, तब उसे राष्ट्र कहा जाता है।
शोध को स्टार्टअप तक ले जाने का दिया संदेश
कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने विभिन्न विभागों का दौरा करते हुए कहा कि शोध को केवल आइडिया तक सीमित न रखें। इस पर आगे भी कार्य करें। शोध को स्टार्ट-अप के माध्यम से पेटेंट तक पहुंचाएं ताकि यह समाज के लिए उपयोगी हो सके। शोधार्थी स्वयं को आत्मनिर्भर बनाएं, इससे देश भी आत्म निर्भर बनेगा। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल यूनिवर्सिटी कंप्यूटर एंड इंफोर्मेटिक्स सैंटर में शोधार्थियों से बात कर रहे थे। विश्वविद्यालय के मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एक शोधार्थी मनीष कुमार ने तैयार किए कृत्रिम हाथ की प्रस्तुति दी। शोधार्थी ने बताया कि यह हाथ असली हाथ की तरह काम करेगा। पूर्णतया विकसित होने के बाद यह हाथ अपनी तरह का विश्व का सबसे सस्ता हाथ होगा। राज्यपाल ने कहा इस दिशा में लगातार कार्य करें और यह एक अच्छा विचार है।