सिस्टम की भेंट चढ़ गई जीजेयू की पीएचडी स्कॉलर सोनिया, लैब में जहर निगल कर ली आत्महत्या
हिसार निवासी पीएचडी शोधार्थी सोनिया डबास के जहर निगलकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। युवती ने आज दोपहर एक बजे के करीब जीजेयू की लैब में ही जहर निगल लिया। शव को सिविल अस्पताल में रखवाया गया है।
हिसार, जेएनएन। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में एक पीएचडी शोधार्थी सोनिया डबास के जहर निगलकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। युवती ने आज दोपहर एक बजे के करीब जीजेयू की लैब में ही जहर निगल लिया। शव को सिविल अस्पताल में रखवाया गया है, कोरोना सैंपल लिया गया है और उसकी रिपोर्ट आने पर पोस्टमार्टम करने या नहीं करने का निर्णय लिया जाएगा।
मृतका हिसार के 12 क्वार्टर की रहने वाली थी और जीजेयू के बायो नैनोटेक विभाग में पीएचडी रिसर्चर थी। प्राथमिक जानकारी में सामने आया है कि युवती लैब से कंप्यूटर दूसरी जगह भेजे जाने से परेशान थी। उस कंप्यूटर में उसका रिसर्च डाटा था। उसे लग रहा था कि उसका प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाएगा।
इसके लिए उसने जीजेयू वीसी को एक पत्र भी लिखा था। मगर इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। छात्रा के पिता ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर बेटी को प्रताडि़त करने से लेकर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं और इसी शिकायत के आधार पर पुलिस कार्रवाई करने में जुटी हुई है।
मृतका के पास मिला डेढ़ पेज का इंग्लिश में लिखा सुसाइड नोट
मृतका के पास कए सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें युवती ने लिखा है कि वह अब मैं पूरी तरह से हार गई हूं। मेरे चारों तरफ घना अंधेरा है। खुद को खो चुकी हूं। अब मैं और संघर्ष नहीं कर सकती। अब मैं दुनिया का सामना नहीं कर सकती। अब मुझमें और ताकत नहीं बची है। वे मुझ पर दया भाव दिखाते तो हैं लेकिन मेरा फायदा उठाने के लिए। मैं एक पिंजरे में हूं और आजाद होना चाहती हूं। मैं एक अच्छी बेटी नहीं हूं। उम्मीद है पापा मम्मी का ख्याल रखेंगे। वे बहुत हिम्मत वाली हैं। मेरी आत्मा चोटिल है। मुझे माफ कर देना।
पुलिस इस मामले में पता लगा रही है कि आखिर क्या युवती पढ़ाई के कारण ही इतनी परेशान थी या कुछ और भी कारण रहा है। वहीं स्वजनों से भी पुलिस इस मामले में बात कर रही है। पुलिस बायो नैनोटेक विभाग की चेयरपर्सन नमिता से भी इस मामले में बातचीत कर सकती है।
लड़की के पिता का कहना है कि वो कार्रवाई चाहते हैं, बेटी का एक कंप्यूटर था, जिसे दूसरी जगह भेज दिया गया, उसी कंप्यूटर में बेटी का डाटा था। मगर बार बार कहने के बाद भी लड़की की बात नहीं सुनी गई। युवती के अभिभावक जीजेयू में पहुंचे थे।