Hisar News: स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को रेड बढ़ाने के दिए निर्देश, सूचना देने वालों को दी जाएगी ये ईनामी राशि

गत वर्ष प्रसवपूर्व लिंग जांच गिरोह के संबंध में सूचना देने वाले 6 लोगों को 1-1 लाख रुपये की ईनाम राशि दी गई है। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि जिले के 5 गावों में अपेक्षाकृत लिंग अनुपात में अधिक असामनता है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 09:29 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 09:43 PM (IST)
Hisar News: स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को रेड बढ़ाने के दिए निर्देश, सूचना देने वालों को दी जाएगी ये ईनामी राशि
प्रसवपूर्व लिंग जांच गिरोह की सूचना देने वालों को एक लाख रुपये की ईनामी राशि दी जाएगी।

जागरण संवाददाता, हिसार। उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने प्रसवपूर्व लिंग जांच गिरोह का नेटवर्क तोडने की दिशा में महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को रेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नागरिकों से भी इस संबंध में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। उपायुक्त ने कहा कि प्रसवपूर्व लिंग जांच गिरोह की सूचना देने वालों को एक लाख रुपये की ईनामी राशि दी जाएगी।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत पीसी-पीएनडीटी, वन स्टाप सेंटर, पाक्सों एक्ट के तहत अभी तक की गई विभिन्न कार्रवाई की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि न केवल हिसार, बल्कि दूसरे जिलों और पड़ोसी राज्यों में भी सूचनाओं के आधार पर आपसी तालमेल के साथ कार्य करें।

सूचना देने वाले 6 लोगों को 1-1 लाख रुपये की ईनाम राशि दी गई

गत वर्ष प्रसवपूर्व लिंग जांच गिरोह के संबंध में सूचना देने वाले 6 लोगों को 1-1 लाख रुपये की ईनाम राशि दी गई है। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि जिले के 5 गावों में अपेक्षाकृत लिंग अनुपात में अधिक असामनता है। गांव सीसवाल में कन्या लिंग अनुपात 895, सिसाय में 902, मंगाली में 907, नारनौंद में 909 और उकलाना में 910 के आसपास है। इन गावों में अभियान के तहत अभी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। अगस्त माह में जिले में कन्या लिंग अनुपात 949 था, जो सितंबर के महीने में 920 पर रहा है।

एक्ट के तहत 4 पीडि़तों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है

पाक्सो एक्ट की समीक्षा के दौरान उन्हें अवगत करवाया कि गत वर्ष 52 एफआइआर दर्ज की गई थी, जिनका फालोअप किया जा रहा है। एक्ट के तहत 4 पीडि़तों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है, अन्य पर कार्रवाई जारी है। घरेलू हिंसा व उत्पीड़न के मामलों में महिलाओं के लिए बनाए गए वन स्टॉप सेंटर की समीक्षा के दौरान बताया गया कि अक्टूबर माह में यहां 10 पीडि़तों को नियमानुसार आश्रय दिया गया। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त स्वप्रिल रविंद्रा पाटिल, सीटीएम विजया मलिक सहित संबंंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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