Hisar News: शहर में मीट की स्लाटरिंग पर बैन लगेगा, निगम प्रशासन सख्त, सैकड़ों दुकानें होंगी प्रभावित

हिसार के एकमात्र स्लाटर हाउस को पिछले करीब एक दशम में कई बार शुरु करने के लिए प्रयास हुए। इस पर मरम्मत कार्य हुए। बिल बने पेमेंट हुई और स्लाटर हाउस शुरु करने के प्रयास कागजों में ही दम तोड़ गए।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 08:12 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 08:12 PM (IST)
Hisar News: शहर में मीट की स्लाटरिंग पर बैन लगेगा, निगम प्रशासन सख्त, सैकड़ों दुकानें होंगी प्रभावित
निगम कमिश्नर ने स्लाटर हाउस शुरु करने के लिए मौके का निरीक्षण किया।

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार में शहर में जगह-जगह खुली अवैध मीट मार्केट पर नगर निगम प्रशासन ने लगाम लगाने की तैयारी शुरु कर दी है। शहर में मीट की स्लाटरिंग पर बैन लगेगा। कारण है कि डीएन ब्रह्म महाविद्यालय से साउथ बाइपास को जोड़ने वाली मार्ग पर शहर से बाहरी क्षेत्र में बने स्लाटर हाउस को नगर निगम प्रशासन एक बार फिर से शुरु करने के लिए प्रयासरत हो गया है। इसी कड़ी में उप निगम आयुक्त अपूर्व चौधरी ने निगम इंजीनियरों को मौका निरीक्षण कर टेक्निकल कमियों को दूर करने के आदेश दिए हैं, ताकि इंजीनियरों के माध्यम से स्लाटर हाउस की कमियों को दूर कर उसे शुरु किया जा सकें।

कई बार स्लाटर हाउस शुरु करने के हुए प्रयास, कागजों में तोड़ गए दम

शहर के एकमात्र स्लाटर हाउस को पिछले करीब एक दशम में कई बार शुरु करने के लिए प्रयास हुए। इस पर मरम्मत कार्य हुए। बिल बने पेमेंट हुई और स्लाटर हाउस शुरु करने के प्रयास कागजों में ही दम तोड़ गए। मेयर से लेकर निगम कमिश्नर तक ने स्लाटर हाउस शुरु करने के लिए मौके निरीक्षण भी किए। हर बार जनता को लगा कि इस बार तो स्लाटर हाउस शुरु हो जाएगा। जनता को गुणवत्ता वाला मीट मिल पाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज भी स्लाटर हाउस एक बिल्डिंग से ज्यादा कुछ नहीं है।

शहर में 100 से अधिक मीट की दुकानें

पूर्व में नगर निगम के सर्वे के अनुसार शहर में 100 से अधिक मीट की दुकानें मिली। इसमें अधिकांश पर ही मीट काटने का कार्य होता है। प्रदेश सरकार ने मीट विक्रेताओं पर 21 शर्तें लगाई हुई है, जबकि शहर के 90 फीसद से अधिक मीट विक्रेता उन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। पूर्व में निगम ने दो बार मीट विक्रेताओं को नियमों की अवहेलना करने पर नोटिस थमाए। इसमें एक बार 86 और दूसरी बार 64 मीट विक्रेताओं को नोटिस जारी हुए।

साल 2011-12 तक स्लाटर हाउस था चालू

निगम के पुराने स्टाफ की माने तो वर्ष 2011-12 तक शहर के मीट कारोबारियों से निगम प्रशासन चार्ज वसूलता था, जिससे निगम को प्रतिदिन करीब ढाई से पांच हजार रुपये की आय होती थी। इसमें प्रत्येक बड़े पशु को काटने के लिए निगम 10 रुपये लेता था। स्लाटर हाउस में एक बार में 12 से 15 तक पशु काटे जाते थे, जिसमें सूअर, बकरे, भेड़ आदि पशु शामिल थे।

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6 माह तक सजा और 5 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान

कोई भी व्यक्ति खाद्य सामग्री से संबंधित कोई भी व्यवसाय या व्यापार बिना लाइसेंस के करता है तो फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 की धारा-63 के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ छह माह तक की सजा और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

- जितेंद्र आर्य, अधिवक्ता, हिसार।

पीसीबी पूर्व में स्लाटर हाउस कर चुका है सील, अब फिर आ सकती है दिक्कत

साल 2012-13 में पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने आपत्ति दर्ज करते हुए स्लाटर हाउस सील कर दिया था। पीसीबी के निर्देशानुसार साल 2014 में 37.75 लाख से टैंक, होद, टंकी पाइप लाइन बिछाई इत्यादि कार्य करवाया। नवंबर 2019 में मेयर ने निरीक्षण किया तो खामियां मिली थी। सूत्रों की माने तो 37 लाख के बिल तो बने लेकर खर्च कितना हुआ यह भी जांच का विषय था। स्लाटर हाउस का मुद्दा हाउस में भी पूर्व में उठ चुका है। सीवरेज व पानी की उचित व्यवस्था नहीं होगी तो पीसीबी स्लाटर हाउस को ओपन करने में अड़चन डाल सकता है। हालांकि वर्तमान में निगम ने करीब 85 लाख रुपये की लागत से स्लाटर हाउस के सामने सड़क निर्माण भी करवाया है।

एक्सइएन की ड्यूटी लगाई है

स्लाटर हाउस शुरु करने के लिए हमने कार्य शुरु कर दिया है। मैंने एक बार मौका निरीक्षण भी किया है। अब इंजीनियरों के साथ मिलकर स्लाटर हाउस का निरीक्षण किया जाएगा।ताकि उसमें जो टेक्निकल कमियां है उनकी पहचान कर उन्हें दूर करवाकर स्लाटर हाउस शुरु करवाया जा सकें। इसके लिए एक्सइएन की ड्यूटी लगाई है।

- अपूर्व चौधरी, उप निगम आयुक्त, नगर निगम हिसार।

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