Hisar HAU: एचएयू किसानों के लिए नवीन तकनीकों पर करेगा शोध, अंतराष्ट्रीय कंपनी के साथ हुआ एमओयू

एचएयू के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि कंपनी व विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से वैज्ञानिकों विद्यार्थियों व किसानों को कृषि की व्यावसायिक व उन्नत तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण देंगे और इस दौरान आने वाले खर्च में कंपनी आर्थिक सहायता करेगी।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 04:07 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 04:07 PM (IST)
Hisar HAU: एचएयू किसानों के लिए नवीन तकनीकों पर करेगा शोध, अंतराष्ट्रीय कंपनी के साथ हुआ एमओयू
कंपनी विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित किए जाने वाले सेमिनार, सम्मेलनों में हिस्सा लेगी।

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार किसानों के लिए विभिन्न फसलों की उन्नत किस्में विकसित करने व उन्हें अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय ने कृषि में आधुनिक तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने व उनके प्रयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनी धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के साथ समझौता किया है। समझौते के तहत कंपनी के विशेषज्ञ व एचएयू के वैज्ञानिक व विद्यार्थी मिलकर किसानों को भारतीय कृषि भूमि में नवीनतम तकनीकों के प्रयोग की जानकारी देगी। धानुका एग्रीटेक लिमिटेड भारत की अग्रणी कृषि-रसायन कंपनी है जो फोब्रस पत्रिका द्वारा एशिया प्रशांत में एक अरब कंपनियों के तहत 200 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों की श्रेणी में सूचीबद्ध है।

इन क्षेत्रों में मिलेगा सहयोग

एचएयू के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि कंपनी व विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों व किसानों को कृषि की व्यावसायिक व उन्नत तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण देंगे और इस दौरान आने वाले खर्च में कंपनी आर्थिक सहायता करेगी। इसके अलावा विस्तार गतिविधियों के लिए किसान आधारित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक व कंपनी के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इससे किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रयोग से फसलों के उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित किए जाने वाले सेमिनार, सम्मेलनों में हिस्सा लेगी और सहयोग करेगी। इसके अलावा कंपनी विश्वविद्यालय के छह विद्यार्थियों को मेरिट आधार पर छात्रवृति प्रदान करेगी जिसमें तीन स्नातकोत्तर व तीन पीएचडी के विद्यार्थी शामिल होंगे। इससे एक ओर जहां विद्यार्थियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी वहीं दूसरी ओर उन्हें अपने अनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

कृषि में ड्रोन तकनीक के प्रयोग पर रहेगा जोर

हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई योजना के तहत कृषि में इसके प्रयोग की अधिक से अधिक जानकारी दी जाएगी। साथ ही फसलों में रसायनों के प्रयोग के लिए ड्रोन तकनीक को बेहतर तरीके से प्रयोग कर जल संरक्षण व आर्थिक रूप से बचत के लिए अनुसंधान भी किए जाएंगे।

ये रहे मौजूद

कुलपति की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत, मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डा. एमएस सिद्धपुरिया जबकि कंपनी की ओर से डा. अजीत सिंह तोमर, उपाध्यक्ष (अनुसंधान एवं विकास), डा. डीवी सिंह ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर ओएसडी एवं स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. अतुल ढींगड़ा, सहायक निदेशक, आईपीआर सेल डॉ. विनोद कुमार व डॉ. जयंती टोकस भी मौजूद रहे।

धानुका के पास हैं विश्वस्तरीय प्रयोगशालाएं

धानुका के आर एंड डी डिवीजन में विश्व स्तरीय एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं और अमेरिका, जापान और यूरोप की दुनिया की सात प्रमुख कृषि-रासायनिक कंपनियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है। ये सभी भारतीय कृषि भूमि में नवीनतम तकनीक प्रयोग करने में मदद करता है। धानुका कंपनी को वर्ष 2018 में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा कंपनी ऑफ द ईयर (एग्रो केमिकल कैटेगरी) से सम्मानित किया गया है।

chat bot
आपका साथी