गुरनाम सिंह चढूनी बोले- रिंग रोड पर ही होगी परेड, रास्ता नहीं मिला तो तोड़ने पड़ सकते हैं बेरिकेडस
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की बुधवार की बैठक में भी नतीजे की उम्मीद नहीं है। क्योंकि सरकार का रवैया टाल-मटौल का है। सरकार चाहती है कि आंदोलन में फूट पड़ जाए और आंदोलन बदनाम हो जाए। लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है।
सिरसा/रोड़ी, जेएनएन। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि 26 जनवरी को दिल्ली के रिंग रोड पर परेड एवं प्रदर्शन होगा। शांति के साथ प्रदर्शन करेंगे। सरकार शराफत से रास्ता दे दे। हमारी विनती व अधिकार है कि ट्रैक्टरों से परेड करने की अनुमति मिले। वरना ऐसा न हो कि बैरिकेड तोड़ने पड़े। रोड़ी में किसान सभा के बाद मीडिया से बातचीत में गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की बुधवार की बैठक में भी नतीजे की उम्मीद नहीं है।
क्योंकि सरकार का रवैया टाल-मटौल का है। सरकार चाहती है कि आंदोलन में फूट पड़ जाए और आंदोलन किसी रूप से बदनाम हो जाए। लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। सरकार अपना वहम निकाल दे। यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से मांगें माने जाने तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन ऊपर वाले की देन है और इस पर प्रकृति की कृपा है। आंदोलन तब तक जारी रहेेगा जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती।
अपने से जुड़े प्रकरण पर कहा कि आंदोलन का जब आखिरी स्टैप होता है और सरकार के सारे रास्ते बंद हो जाते है तब सरकार फूट डालने का काम करती है। सरकार की फूट डालने की कोई भी चालें कामयाब नहीं होंगी। किसान सभा में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के जमीन अधिग्रहण कानून से जमीन उद्योगपतियों को जाएगी जिसका किसान विरोध कर रहे हैं। जब जमीन ही नहीं रहेगी तो किसान कैसे बचेगा। मरते दम तक सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। इस मौके पर सरपंच मेजर सिंह व महंत बलदेव दास ने उन्हें सिरोपा भेंट किया। आढ़ती खुशी राम जिंदल, तीर्थ जिंदल, फूल चंद जैन ने भी सम्मानित किया।