Hisar GJU: यूएमसी सुनवाई में छात्र बोले, पेपर देते समय बीच में चला गया इंटरनेट, मां चाय देने कमरे में आई
पिछले सत्र की परीक्षा कोरोना के चलते आनलाइन ही गई थी। उसी में छात्रों ने यह कारनामा कर दिखाया है। मगर अध्यापकों ने आनलाइन पेपर देते समय छात्रों के नजरों की एक्टिविटी से को पकड़ लिया था। उस दौरान कुछ छात्र पेपर देते समय इधर-उधर देखते मिले।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के जीजेयू में यूएमसी के केसों की सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस सुनवाई में छात्रों के नकल मारने के अजीब मामले सामने आए है। सुनवाई में छात्रों का कहना था कि पेपर देते समय बीच में ही उनका इंटरनेट चला गया था या अचानक कोई रिश्तेदार या अन्य कमरे के अंदर आ गया, मां चाय देने कमरे में आ थी जैसे बहाने बना रहे है। इसी आधार पर परीक्षा नियंत्रक बोर्ड की टीम ने रिपोर्ट तैयार की है। अब यह रिपोर्ट वीसी से सांझा की जाएगी। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि किस छात्र के हित में निर्णय देना है या किसे दोबारा पेपर देना होगा।
आनलाइन पेपर देते समय नजरों की एक्टिवटी से अध्यापकों ने पकड़ा, अब कर रहे बहानाबाजी
पिछले सत्र की परीक्षा कोरोना के चलते आनलाइन ही गई थी। उसी में छात्रों ने यह कारनामा कर दिखाया है। मगर अध्यापकों ने आनलाइन पेपर देते समय छात्रों के नजरों की एक्टिविटी से को पकड़ लिया था। उस दौरान कुछ छात्र पेपर देते समय इधर-उधर देखते मिले और कुछ किसी से बातचीत करते हुए मिले। अध्यापकों को इनकी एक्टिविटी को देख शक हुआ। इसकी सूचना परीक्षा नियंत्रक बोर्ड को दी गई। 367 छात्रों की यूएमसी बनी थी। अब इन केसों की सुनवाई परीक्षा नियंत्रक की ओर हुई। इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है। यह सुनवाई पिछले सप्ताह चार दिनों तक चली थी। हर रोज 100 केसों की सुनवाई हुई थी और उन छात्राओं को बुलाया जाता था। सुनवाई में छात्र तरह-तरह के बहाने लगा रहे है, ताकि यूएमसी ना बनें।
छात्रों के साथ-साथ छात्राएं
यूएमसी में छात्रों के साथ-साथ छात्राएं भी मिल रही है, जिन पर नकल मारकर पेपर देने का आरोप है। मगर लड़के 60 प्रतिशत है। परीक्षा नियंत्रक बोर्ड का कहना है कि छात्र और छात्राएं एक जैसे ही बहाने बना रहे है। हर कोई यूएमसी से बचने की कोशिश कर रहा है। मगर इसकी रिपोर्ट बनाई है। इसी आधार पर ही निर्णय होगा।