हिसार के किसान का गजब आईडिया, पानी की किल्लत से नहीं होती थी फसल, एप्पल बेरी की खेती कर कमाए लाखों
किसान जयवीर का कहना है कि उन्होंने अपनी जमीन पर करीब 340 एप्पल बेर के पौधे लगाए थे। आज सालाना चार लाख रुपये मुनाफा कमा रहे हैं। इस बार खराब मौसम में फाल गिरने से फसल को नुकसान हुआ है अन्यथा छह लाख से अधिक की आय होती।
हिसार[रवि घोड़ेला]। हिसार के गांव बालसमंद के किसान जयवीर अपनी डेढ़ एकड़ जमीन पर एप्पल बेर की कम लागत में खेती करके अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। इन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़कर इस खेती की ओर कदम बढ़ाया। आज लाखों रुपये कमा रहे हैं। किसान जयवीर ने बताया कि क्षेत्र में पानी की किल्ल्त होने के बाद पारंपरिक खेती को छोड़ कम पानी की लागत की एप्पल बेर की खेती की। पिछले पांच साल से कम लागत में काफी बढ़िया मुनाफा कमाया।
किसान का कहना है कि उन्होंने अपनी जमीन पर करीब 340 एप्पल बेर के पौधे लगाए थे। आज सालाना चार लाख रुपये मुनाफा कमा रहे हैं। इस बार खराब मौसम में फाल गिरने से फसल को नुकसान हुआ है अन्यथा छह लाख से अधिक की आय होती। जयवीर ने बताया की पौधे लगाने के बाद कीड़े और रोगों से देख-रेख करते रहना चाहिए। बेर बेचने के लिए हिसार और दिल्ली तक जाते हैं। खरपतवार कम होने के कारण निराई की मजदूरी में भी बचत होती है। खरपतवार की खाद और जमीन पर गिरने वाले बेर के खराब होने से भी सुरक्षा मिल जाती है। यानि एक फसल लेने के बाद पौधों पर किसी भी तरह का खर्च नहीं रहता और आप कई साल तक लगातार पौधौं से फल ले सकते हैं और काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
ट्यूबवेल से कर रहे सिंचाई
किसान जयबीर ने बताया कि क्षेत्र में पानी की कमी के कारण फसल खराब हो जाती थी। कर्ज से बचने के लिए कम पानी की लागत की एप्पल बेर की खेती की। सिंचाई के लिए पूरा पानी नहीं मिल पाया तो ट्यूबवेल से ही सिंचाई करते हैं। बीच में सब्जी की बिजाई करते हैं।
मंडी ही नहीं दिल्ली तक जाते हैं बेचने
किसान जयबीर ने बताया कि बेर बेचने के लिए शहर की मंडी ही नहीं हम दिल्ली तक फसल बेचने के लिए जाते हैं। क्षेत्र के ग्रामीण खेत में आकर बेर लेकर जाते हैं। रेहड़ी लगाकर 50 रूपये किलो तक बेर बेचते हैं। इससे अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है।