हिसार की डीपीओ निलंबित, महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्यालय के आदेशों की थी अवहेलना

महिला एवं बाल विकास मुख्यालय में सीएम विंडो की मीटिंग में न आने पर हिसार की डीपीओ निलंबित कर दी गई हैं। लंबे समय से महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्यालय के आदेशों की कर रहीं थी अवहेलना।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 09:22 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 09:22 PM (IST)
हिसार की डीपीओ निलंबित, महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्यालय के आदेशों की थी अवहेलना
हिसार की डीपीओ सुनीता यादव को निलंबित कर दिया गया।

हिसार, जेएनएन। महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) सुनीता यादव को एकाएक निलंबित कर दिया है। इस मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर हर कोई बोलने से बच रहा है मगर आपको बता दें कि पिछले लंबे समय से डीपीओ को लेकर कई शिकायतें मुख्यालय में जा रही थीं।

कई बार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया, जब मामले अधिक बढ़ गए तो जांच कराई गई। जिसमें कुछ आरोपों के साथ निलंबन की कार्रवाई भी की गई है। निलंबन करने के लिए सीएम विंडो पर शिकायतों को लेकर बैठक को आधार बनाया गया है।

उच्चाधिकारियों का कहना है कि कुछ समय पहले महिला एवं बाल विकास विभाग के मुख्यालय में सीएम विंडो की शिकायतों को लेकर बैठक बुलाई गई थी मगर वह नहीं आईं, लिहाजा डायरेक्टर ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के रूप में निलंबन की कार्रवाई की है।

सीएम विंडो की कई शिकायतें हैं लंबित

इस मामले में लगातार मुख्यालय के अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को मौखिक रूप से पहले समझा रहे थे। मगर सीएम ङ्क्षवडो पर जब शिकायतों की संख्या में इजाफा होने लगा तो महिला एवं बाल विकास विभाग के पूर्व डायरेक्टर और वर्तमान में रोहतक के डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने बैठक के लिए मुख्यालय बुलाया। इसके बाद भी वह बैठक में शामिल नहीं हुईं। इसके साथ ही कई बार निर्देशों का पालन भी नहीं किया। ऐसे में डायरेक्टर पद पर रहते हुए ही डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई की फाइल तैयार कर दी गई थी। पूर्व डायरेक्टर के स्थानांतरण के समय ही डीपीओ पर गाज गिर गई।

सीधे निलंबन की लंबे समय बाद हुई है कार्रवाई

हिसार जिला काम करने के लिहाज से काफी अच्छा है। यहां पर अभी तक किसी बड़े पद पर बैठे हुए अधिकारी का निलंबन देखने को नहीं मिला है, मगर डीपीओ का निलंबन चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि लोग अपने-अपने हिसाब से निलंबन का कारण भी बता रहे हैं। गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी से लेकर महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य करता है। लॉकडाउन से पहले डीपीओ ने डीसी के निर्देशन में महिला फिल्म फेस्टिवल भी आयोजित कराया था तो इसके बाद घरेलू काम काज करने वाली महिलाओं को सबल बनाने के प्रोजेक्ट पर भी वह काम कर रहीं थी।

डीपीओ को निलंबित किया गया है। यह सीएम विंडो की बैठक में नहीं आईं थी, इसके साथ कई शिकायतें भी लंबित थी।

रेनू फूलिया, डायरेक्टर, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचकूला

chat bot
आपका साथी