हिसार में जुलाई में छठीं बार कोरोना शून्य पर आउट, दो डिस्चार्ज हुए, रिकवरी रेट 97.88 फीसद

हिसार में अब तक छह लाख 57 हजार 537 लोगों की टेस्टिंग में संक्रमण के कुल 53 हजार 971 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अब तक कुल 52 हजार 828 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं। अब तक कुल 1135 लोगों की मौत हुई है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:18 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:18 PM (IST)
हिसार में जुलाई में छठीं बार कोरोना शून्य पर आउट, दो डिस्चार्ज हुए, रिकवरी रेट 97.88 फीसद
हिसार में बुधवार को एक भी कोरोना केस नहीं मिला

जागरण संवाददाता, हिसार: जिले में बुधवार को कोरोना संक्रमण का कोई भी नया मामला सामने नहीं मिला। जुलाई महीने में यह छठीं बार है, जब कोरोना का कोई नया मामला नहीं मिला। बुधवार को दो संक्रमितों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज भी किया गया। डिप्टी सिविल सर्जन डा. तरूण ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को जारी मीडिया बुलेटिन के अनुसार जिले में फिलहाल आठ एक्टिव पॉजिटिव केस है। जिले का रिकवरी रेट 97.88 फीसद है। डिप्टी सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में अब तक छह लाख 57 हजार 537 लोगों की टेस्टिंग में संक्रमण के कुल 53 हजार 971 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अब तक कुल 52 हजार 828 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं। जिले में कोरोना से अब तक कुल 1135 लोगों की मौत हुई है। कोरोना की पिछले वर्ष की पहली लहर में 327 और इस वर्ष की दूसरी लहर में 808 लोगों की मौत हुई है। जिले में पहली लहर में संक्रमण के 17 हजार 147 जबकि दूसरी लहर में अब तक 36 हजार 824 मामले दर्ज किए गए हैं।

टीबी से संबंधित जानकारी के लिए 1800-11-6666 पर संपर्क कर सकते है -

इधर सरकार द्वारा टीबी रोगियों की सुविधा के लिए ‘निक्षय पोषण योजना’, ‘सूचना प्रोत्साहन योजना’, ‘उपचार समर्थक योजना’ और ‘निजी प्रदाता अधिसूचना योजना’ नामक चार योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसके तहत टीबी रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में टीबी होने के बारे में काफी हद तक पता नहीं चलता, इससे गर्भावस्था के दौरान प्रतिरक्षात्मक परिवर्तन नए संक्रमणों के साथ-साथ अप्रत्यक्ष संक्रमण की सक्रियता को सामान्य बना देते हैं। महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे परिवार में टीबी रोगी की देखभाल करें,, जिसके कारण टीबी के निदान से पहले या बाद में उनके संपर्क में आने से वे टीबी की चपेट में आ जाती हैं। इसके अलावा, खाना पकाने के लिए ठोस जैव ईंधन के उपयोग के साथ-साथ गरीबी, वेंटिलेशन की कमी आदि से टीबी का खतरा बढ़ जाता है।

उन्होंने बताया कि टीबी से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए राज्य के लोग टोल फ्री नंबर 1800-11-6666 पर संपर्क कर सकते हैं। इस बीमारी के प्राथमिक लक्षण बुखार, खांसी, वजन कम होना, पसीना आना है जो कि कोविड-19 के लक्षणों के समान हैं। उन्होंने कहा कि यह बीमारी संक्रामक है, हालांकि, अगर मरीज का 15 दिनों तक इलाज किया जाता है तो यह फैलती नहीं है। राज्य सरकार राज्य भर के विभिन्न टीबी केंद्रों में लोगों को मुफ्त इलाज और परीक्षण की सुविधा प्रदान करती है

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