Hisar coronavirus Case: कोरोना मुक्त हुआ हिसार, पिछले 11 दिनों से कोई केस नहीं, एक्टिव केस शून्य
हिसार में कोरोना संक्रमण के कुल 53 हजार 979 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक कुल 52 हजार 839 लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं। जिले में कोरोना से अब तक कुल 1140 लोगों की मौत हुई है।
जागरण संवाददाता, हिसार। सिरसा में डिप्टी सिविल सर्जन डॉ तरूण ने बताया कि हिसार जिला एक बार फिर कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गया है। उन्होंने बताया पिछले 11 दिनों से अभी तक कोरोना संक्रमण का कोई भी नया मामला देखने का नहीं मिला है। हालांकि अभी भी लोगों को बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि तीसरी लहर की चेतावनी के मद्देनजर लापरवाही भारी पड़ सकती है। हमें वायरस की प्रकृति को समझना जरूरी है तभी समाज इस बीमारी से लड़ सकेगा।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ तरुण ने कहा कि फिलहाल जिले का रिकवरी रेट 97.89 प्रतिशत है। जिले में अभी तक 6 लाख 88 हजार 657 लोगों की जांच की जा चुकी है, जिसमें संक्रमण के कुल 53 हजार 979 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक कुल 52 हजार 839 लोग कोरोना से रिकवर हो चुके हैं। जिले में कोरोना से अब तक कुल 1140 लोगों की मौत हुई है। कोरोना की पिछले वर्ष की पहली लहर में 327 और इस वर्ष की दूसरी लहर में 813 लोगों की मृत्यु हुई है। पहली लहर में संक्रमण के 17 हजार 147 जबकि दूसरी लहर में अब तक 36 हजार 832 मामले दर्ज किए गए हैं।
नियमित रूप से दवाईयां लेने पर टीबी का इलाज संभव : सिविल सर्जन
हिसार। सिविल सर्जन डॉ रत्ना भारती ने बताया कि टीबी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी का समय पर इलाज करवाना बेहद जरूरी है। मरीज द्वारा लापरवाही करने पर यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है।
सिविल सर्जन ने बताया कि नियमित रूप से दवाईयां लेने पर टीबी का इलाज संभव है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है। टीबी के मरीज को सही समय पर दवाई दिलवाकर इलाज शुरू करवाना अत्यंत आवश्यक है अगर इलाज में लापरवाही बरती जाती है तो मरीज की जान भी जा सकती है। टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए विभाग द्वारा एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि टीबी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्रों में टीबी के लक्षण वाले लोगों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह से खांसी है या घर में पहले कोई टीबी की बीमारी से ग्रस्त रह चुका है तो उनको ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी जांच अवश्य करवानी चाहिए।