हिसार प्रशासन की चेतावनी: सोलर ट्यूबवेल अनुदान पर लेने में की अनियमितता तो प्रशासन करेगा सख्त कार्रवाई

किसानों को सोलर ट्यूबवेल सिस्टम पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा सोलर ट्यूबवेल के लिए जो मापदंड निर्धारित किए गए हैं उनकी अनुपालना करना अनिवार्य है। राज्य सरकार द्वारा सोलर ट्यूबवेल सिस्टम पर किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 10:55 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 10:55 AM (IST)
हिसार प्रशासन की चेतावनी: सोलर ट्यूबवेल अनुदान पर लेने में की अनियमितता तो प्रशासन करेगा सख्त कार्रवाई
सोलर सिस्‍टम लेने में निर्धारित मापदंडों की अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

जागरण संवाददाता, हिसार। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों को सोलर ट्यूबवेल सिस्टम पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा सोलर ट्यूबवेल के लिए जो मापदंड निर्धारित किए गए हैं, उनकी अनुपालना करना अनिवार्य है। राज्य सरकार द्वारा सोलर ट्यूबवेल सिस्टम पर किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने सोलर सिस्टम लगवाने वाले किसानों से कहा है कि वे सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों के अनुसार ही ट्यूबवेल लगाना सुनिश्चित करें।

अतिरिक्त उपायुक्त स्वप्निल रविंद्रा पाटिल ने बताया कि निर्धारित मापदंडों की अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। अगर कोई कंपनी निर्धारित नियमों का पालन नहीं करती है, तो इसकी शिकायत विभाग के कार्यालय में की जा सकती है। सिस्टम किसी अन्य व्यक्ति को बेचने या दूसरे की जगह पर लगाए जाने की शिकायत मिलने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। निर्धारित जगह के अलावा सोलर पंप सैट दूसरी जगह लगाया गया तो उसका अनुदान नहीं दिया जाएगा।

बिजली खपत को कम करना है उद्देश्य

राज्य सरकार द्वारा सोलर सिस्टम लगाने का मुख्य उद्देश्य बिजली की खपत को कम करना है। सोलर सिस्टम लगाने से किसानों को बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और खर्च शून्य हो जाता है। महंगाई के इस दौर में किसानों को सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा का सोलर ट्यूबवेल एक बेहतर विकल्प है। राज्य सरकार सोलर ट्यूबवेल सिस्टम की बढ़ती जा रही मांग के दृष्टिगत आवेदन पत्र आमंत्रित करने के लिए शीघ्र पोर्टल खोलेगी। सोलर ट्यूबवेल लगाने के लिए रोड़ी, क्रेशर, बजरी तथा सीमेंट कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा।

साइट की होगी जांच

सोलर ट्यूबवेल सिस्टम की साइट की जांच करवाई जाएगी, जांच के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति तथा कंपनी दोनों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि किसान आवेदन करने से पहले अपनी ट्यूबवेल की क्षमता व किस प्रकार का पंप चाहिए, यह निश्चित कर लें, जिन आवेदकों के पास बिजली आधारित ट्यूबवेल हैं, वे इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

पंप लेने को किसान यह करें

सोलर पंप लेने वाले इच्छुक किसानों को जल्द ही विभाग के कार्यालय में दस्तावेज जमा करवाने होंगे, जिन किसानों द्वारा सोलर पंप के लिए आईडीबीआई बैंक में भुगतान जमा करवा दिया गया है, उन किसानों को आवेदन की मूल प्रति, जमीन की फर्द व बैंक रसीद कार्यालय में जमा करवाना होगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा तीन एचपी से दस एचपी तक के सोलर पंप लगाने के लिए किसानों से पंप आवेदन मांगे गए थे। 3 नवंबर को हुए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में जिले के लगभग 1350 किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं।

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