देश के दुश्मनों को धूल चटाने वाले सैनिक परिवारों के घरों से कचरा उठवाने में हिसार प्रशासन असमर्थ
सैनिक यह सोचकर देश के लिए लड़ते हैं कि उनके पीछे से प्रशासन उनके परिवारों की देखरेख करेगा और सहुलियत देगा। मगर हिसार प्रशासन इतना संवेदनहीन हो गया है कि करीब एक सप्ताह से इन परिवारों के यहां से कचरा तब उठाने नहीं आया है।
हिसार, जेएनएन। जहां एक ओर देश के लिए हमारे वीर सैनिक शहीद हो रहे हैं वही दूसरी ओर उनके ही परिवार के लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। सेक्टर 5 को डिफेंस सेक्टर कहा जाता है। यहां पूर्व सैनिकों से लेकर देश के लिए सीमा पर तैनात सैनिकों के परिवार रह रहे हैं। सैनिक यह सोचकर देश के लिए लड़ते हैं कि उनके पीछे से प्रशासन उनके परिवारों की देखरेख करेगा और सहुलियत देगा। मगर हिसार प्रशासन इतना संवेदनहीन हो गया है कि करीब एक सप्ताह से इन परिवारों के यहां से कचरा तब उठाने नहीं आया है। इतना ही नहीं सेक्टर पांच सहित सेक्टर 1-4 और हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में भी गंदगी का अंबार लग चुका है।
ओपी जिंदल हाउसिंग बोर्ड रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी सेक्टर-4 व स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से सैक्टर में सफाई कर्मचारी नहीं आने से काफी परेशान हैं। सोसाइटी प्रधान राकेश कुमार संधू व महासचिव रविन्द्र शर्मा ने बताया कि कॉलोनी में एक अप्रैल से सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं। इस कारण कॉलोनी निवासियों को कूड़ा डालने में काफी परेशानी हो रही है। सड़कों पर जगह-जगह पर कूड़े के ढेर लग जाने के कारण कॉलोनी में बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अधिकारियों को इस और ध्यान देना चाहिए। इसके मौके उपप्रधान अमरजीत यादव, सहसचिव रोहताश कुमार, कोषाध्यक्ष सुरेश कुमार, वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश डाबला, कर्मबीर बागड़ी, संजय बिश्नोई, आजाद जांगड़ा, अनिल वर्मा, ललित शर्मा, शीतल नागर, राजकुमार खरड़ आदि भी मौजूद थे।
पांच दिन पहले मेयर से की थी शिकायत
सेक्टर पांच आरडब्ल्यूए के प्रधान ईश्वर चंद्र रेड्डू का कहना है कि सेक्टर में एक सप्ताह से कोई कर्मचारी सफाई के लिए नहीं आ रहा है। पहले कर्मचारी आते थे उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है मगर एचएसवीपी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में उन्हाेंने हिसार के मेयर गौतम सरदाना से बातचीत की और लिखित शिकायत फोन के माध्यम से दी। मेयर ने आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही कुछ करेंगे मगर पांच दिन बाद भी मेयर ने कोई सुध नहीं ली।