हिसार के जेबीटी को अन्य जिलों के अनुसार 2006 से लाभ क्यों नही : हाई कोर्ट

हिसार : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शनिवार को हरियाणा सरकार क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 05:00 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 05:00 AM (IST)
हिसार के जेबीटी को अन्य जिलों के अनुसार 2006 से लाभ क्यों नही : हाई कोर्ट
हिसार के जेबीटी को अन्य जिलों के अनुसार 2006 से लाभ क्यों नही : हाई कोर्ट

जागरण संवाददाता, हिसार : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शनिवार को हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि हिसार जिले के जेबीटी को अन्य जिलों के अनुसार 13 जनवरी 2006 से बकाया भुगतान न करके 2008 से क्यों दिया।

शनिवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने विनोद कुमार रोहिल्ला बनाम हरियाणा सरकार व अन्य के मामले में नोटिस जारी किया और कहा कि 2004 में नियुक्त विनोद कुमार रोहिल्ला का वेतन 13 जनवरी 2006 से 16290 फिक्स करनी थी, लेकिन हिसार के मौलिक शिक्षा अधिकारी ने 6 अक्टूबर 2018 को 21 सितंबर 2008 से 16290 गलत फिक्स करके केवल 72139 रुपये का लाभ दिया। जो हरियाणा राज्य के अन्य जिलों को दिए गए लाभ के विपरीत है। याची के वकील शैलेंद्र मोहन के अनुसार नीलम रानी बनाम हरियाणा सरकार के आधार पर हाई कोर्ट ने कई याचिकाओं का निपटारा किया, लेकिन हिसार जिले के मौलिक शिक्षा अधिकारी ने निदेशक की ओर से पारित स्पीकिंग आदेश की सही अनुपालन नहीं किया। यह था मामला

जेबीटी के एक केस नीलम रानी बनाम हरियाणा सरकार में हाई कोर्ट ने निर्णय दिया था कि सीनियर टीचर को भी वही लाभ दिया जाए जो उसके जूनियर टीचर्स को दिया गया है। हिसार को छोड़कर अन्य लगभग सभी जिलों में भिवानी के टीचर वीरेंदर को जूनियर मानकर बकाया वेतन का लाभ दिया गया, लेकिन हिसार जिले में वीरेंदर को जूनियर नहीं माना गया। हिसार के अधिकारियों ने सर्विस रूल को पे रुल में उलझा दिया और 2004 में नियुक्त सभी टीचर को लगभग चार चार लाख रुपये बकाया की जगह साठ हजार रुपये दिए।

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