कोरोना टीकाकरण के लिए पंजीकरण के नाम पर हो रही ठगी, ऐसे करें बचाव
साइबर ठग झांसा देते हैं कि वैक्सीन के टीके लिए सूची में डालने के लिए आधार नंबर ईमेल आइडी और अन्य जानकारी चाहिए। जानकारी लेने के लिए वह ओटीपी या पिन पूछ लेते हैं। आधार नंबर और अन्य जानकारी की सहायता से वह बैंक खातों से रुपये निकाल लेते हैं।
रोहतक, जेएनएन। ठग ठगी के लिए नित नए - नए तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। कभी डेबिट कार्ड ब्लॉक करने के नाम पर। कभी नए क्रेडिट कार्ड बनाने के नाम पर। तो कभी फेसबुक हैक करके ठग परिचितों से मदद के बहाने रुपये ठग रहे हैं। आज कल कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने के नाम पर शातिर लोगों को ठग रहे हैं। लोग भी इन ठगों के झांसे में आ जाते हैं और अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं।
कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने के नाम पर हो रही ठगी के मामलों को लेकर रोकने के लिए जिला पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। एसपी राहुल शर्मा ने बताया कि साइबर अपराधी ठगी के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के नाम पर भी कई मामले सामने आ चुके हैं। साइबर ठग झांसा देते हैं कि वैक्सीन के टीके लिए सूची में डालने के लिए आधार नंबर, ईमेल आइडी और अन्य जानकारी चाहिए। जानकारी लेने के लिए वह ओटीपी या पिन पूछ लेते हैं। आधार नंबर और अन्य जानकारी की सहायता से वह बैंक खातों से रुपये निकालने में कामयाब हो जाते हैं या फिर आनलाइन ट्रांजक्शन कर रुपये हड़प लेते हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक होने के साथ-साथ सतर्क रहना भी जरूरी है।
इस तरह करें बचाव
कभी भी किसी अंजान व्यक्ति के साथ अपना आधार नंबर, ईमेल आइडी, सत्यापन कोड और अन्य निजी जानकारी सांझा न करें। सोशल मीडिया खातों के लिए भी दो चरणीय सत्यापन को सक्रिय करें। यह खाते की सुरक्षा को बढ़ाएगा। इससे आपके खाते से रुपये नहीं निकाले जा सकेंगे। पिन या किसी अन्य जानकारी के लिए आए मैसेज पर कोई प्रतिक्रिया ना दें। इसके अलावा किसी भी ङ्क्षलक पर क्लिक ना करें। ङ्क्षलक पर क्लिक करने से भी ठगी के शिकार हो सकते हैं।