जाट लॉ कालेज की अवैध भर्ती मामले में कोर्ट में हुई सुनवाई

जाट मैनेजमेंट कमेटी के सचिव अधिवक्ता विनोद गोयत ने अदालत में जवाब दिया है कि हमारा कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसलिए कमेटी को नियमित भर्ती निकालने का कोई अधिकार नहीं है। कोरोना की वजह से एडहॉक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने गैरकानूनी रूप से भर्ती की प्रक्रिया की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 06:13 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 06:13 AM (IST)
जाट लॉ कालेज की अवैध भर्ती मामले में कोर्ट में हुई सुनवाई
जाट लॉ कालेज की अवैध भर्ती मामले में कोर्ट में हुई सुनवाई

जागरण संवाददाता, हिसार : जाट कालेज में मैनेजमेंट कमेटी द्वारा नॉन टीचिग की अवैध भर्ती मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई सिविल जज गगनदीप की अदालत कर रही है। अदालत ने सुनवाई करते हुए जीजेयू के अधिवक्ता अभिषेक अग्रवाल को 2 नवंबर को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि कुलवंत रापड़िया व कुलदीप बालावास ने जाट शिक्षण संस्था के प्रधान व अन्य लोगों पर अवैध रूप से नॉन टीचिग पदों पर भर्ती करने का आरोप लगाकर अदालत में याचिका दायर की थी।

जाट मैनेजमेंट कमेटी के सचिव अधिवक्ता विनोद गोयत ने अदालत में जवाब दिया है कि हमारा कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसलिए कमेटी को नियमित भर्ती निकालने का कोई अधिकार नहीं है। कोरोना की वजह से एडहॉक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने गैरकानूनी रूप से भर्ती की प्रक्रिया की है।

इस बारे में जीजेयू के वीसी व असिस्टेंट सहायक रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी को भी लिखित में शिकायत की थी। जीजेयू ने संज्ञान लेकर 23 अक्टूबर को पत्र जारी कर प्रधान व प्रधानाचार्य को कहा था कि कोई नई भर्ती न की जाए। उन्होंने ये भी कहा प्रधानाचार्य व मैनेजमेंट कमेटी मिलकर गलत रूप से भर्ती करने का प्रयास कर रहे हैं, जिस पर रोक लगाई जाए।

जाट शिक्षण संस्था के आवीजन सदस्य सेक्टर-13 निवासी कुलवंत रापड़िया के वकील योगेश सिहाग ने कहा कि रुटीन कार्य के चलते भर्ती की जा रही है, जबकि इसको लेकर चुनाव प्रक्रिया 14 अक्तूबर को शुरू हो चुकी थी। ऐसे में यहां नियमित भर्ती होना गलत है। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद नीतिगत मामलों में दखल देने का अधिकार मैनेजमेंट को नहीं है।

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