ग्रामीण महिलाओं को एचएयू के छात्र व्हाट्सएप के जरिए बना रहे दक्ष, इस तरह छेड़ी मुहिम

गृह विज्ञान महाविद्यालय के मानव संसाधन एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग की छात्राओं ने पढ़ाई के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जागरूक करने का काम कर रहे हैं। इसके लिए छात्राओं ने एक 70 महिलाओं का ग्रुप बनाया। उन्हें इस अभियान में जोडक़र जागरूकता की अलख जगाई।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 05:54 PM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 05:54 PM (IST)
ग्रामीण महिलाओं को एचएयू के छात्र व्हाट्सएप के जरिए बना रहे दक्ष, इस तरह छेड़ी मुहिम
एचएयू के होम साइंस कॉलेज की छात्राओं ने ग्रामीण महिला जागृति रखा ग्रुप का नाम, पढ़ाई के साथ-साथ किया जागरुक

हिसार, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय के मानव संसाधन एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग की छात्राओं ने पढ़ाई के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जागरूक करने का काम कर रहे हैं। इसके लिए छात्राओं ने एक 70 महिलाओं का ग्रुप बनाया। उन्हें इस अभियान में जोडक़र जागरूकता की अलख जगाई है। ग्रुप का नाम ग्रामीण महिला जागृति रखा गया। इस ग्रुप को महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. बिमला ढांडा के मार्गदर्शन में सहायक विज्ञानी डा. पूनम मलिक की देखरेख में संचालित किया गया। इसमें महाविद्यालय में पढऩे वाली छात्राओं ने अपने-अपने गांव व आस-पास के गांवों की महिलाओं को शामिल किया हुआ है।

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ये रखे गए थे संदेश के विषय

विभाग की अध्यक्ष डा. शीला सांगवान ने बताया इस ग्रुप में महिलाओं को जागरूक करने के लिए जो सन्देश भेजे जाते, उनके विषय काफी विविध प्रकार के रखे गए। इनमें महिलाओं के लिए संतुलित आहार, पाक कला, कोरोना से बचाव, गर्भवती स्त्री की देखभाल, बच्चों को स्तनपान, बालिका शिक्षा का महत्व, योग, घरेलू हिंसा, माहवारी, स्तन कैंसर, सौर ऊर्जा, भू्रण हत्या, स्त्रियों के कानूनी अधिकार, एनीमिया रोगी का आहार सहित अनेक विषयों को चुना गया। इस प्रकार लगभग 120 संदेशों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने का कार्य किया गया। विभाग द्वारा वीडियो के माध्यम से छोटे बच्चों के विकास को बढ़ावा देने के लिए घर पर ही उपलब्ध सामान से शिक्षण सामग्री बनाना भी सिखाया गया।

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दिव्यांग बालकों को लेकर भी दिए विशेष व्याख्यान

सहायक विज्ञानी डा. पूनम मलिक ने बताया कि यह सब छात्राओं के पाठ्यक्रम का हिस्सा है, लेकिन कोरोना काल के चलते वे फिजिकली रूप से ऐसी गतिविधियां नहीं कर पाई, जिसके चलते विभाग द्वारा ऐसा कदम उठाया गया। उन्होंने बताया कि गत दिनों व्हाट्सएप के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके अलावा विभाग में चल रही प्री स्कूल लेबोरेट्री के बच्चों को भी व्हाट्सएप के माध्यम से शिक्षित किया जा रहा है। इसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल-खेल में सीखने की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। गु्रप में बच्चों व अभिभावकों के लिए संबंधित विडियो शेयर किए जाते हैं। नन्हें बच्चों के लिए ऑनलाइन डांस, कविता गायन तथा ड्राइंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने भी बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। नन्हें बालकों में दिव्यांगता का प्रबंधन विषय पर भी ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें लगभग सैंकड़ों ग्रामीण महिलाओं व किशोरी बालिकाओं को विशेषज्ञों द्वारा छोटे बच्चों में दिव्यांगता की जानकारी देते हुए दिव्यांग बालकों के लक्षण व पहचान और उनके लिए भोजन व उनके वस्त्र, उनकी शिक्षा, उनके वातावरण तथा उनके लिए विशेष सरकारी परियोजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

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इन गांवों में चलाया अभियान

इस ग्रुप में हिसार जिले के गांव सीसवाल, मंडी आदमपुर, कंवारी, घुड़साल, गंगवा, मंगाली, मुकलान, बड़ाला, फतेहाबाद जिले के किरढ़ान, भट्टू, बुआन, ढाणी सांचला, जींद जिले के दबलैन, कलां, भिवानी जिले के सिवाड़ा, कुंगड़, बवानी खेड़ा रोहतक जिले के जुलान और कैथल जिले के गांव शामिल हैं। इस प्रयास को लेकर कुलपति प्रोफेसर समर सिंह विश्वविद्यालय सराहना की है।

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