एचएयू विज्ञानियों ने विकसित की धान, सरसाें और गेहूं की चार नई वैरायटी, जो जायके काे बनाएगी लजीज
एचएयू ने धान सरसाें और गेहूं में चार नई किस्में विकसित की है। जाे किसानाें की पैदावार काे ताे बढ़ाएगी साथ ही लागत कम खर्च हाे इस पर भी काम करेगी। इसमें राेगप्रतिराेधक क्षमता अधिक है इसलिए अधिक धन पेस्टीसाइड या दूसरी दवाओं पर भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
जागरण संवाददाता, हिसार। धान, सरसाें और गेहूं में किसानाें काे लागत अधिक और राेगप्रतिराेधक क्षमता कम हाेने की समस्या रहती है। इसकाे लेकर एचएयू पिछले लंबे समय से रिसर्च कर रहे हैं। हाल ही में एचएयू ने धान, सरसाें और गेहूं में चार नई किस्में विकसित की है। जाे किसानाें की पैदावार काे ताे बढ़ाएगी साथ ही लागत कम खर्च हाे इस पर भी काम करेगी। इसमें राेगप्रतिराेधक क्षमता अधिक है इसलिए अधिक धन पेस्टीसाइड या दूसरी दवाओं पर भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
सिर्फ यह नहीं बल्कि धान में बासमती-2 किस्म काे जब आप पकाएंगे ताे स्वाद और सुगंध में भी इस किस्म का काेई जवाब नहीं। वहीं गेहूं की किस्म काे तैयार करते सयम यह ध्यान रखा गया है कि जब इसकी चपाती बनें ताे हार्डनैस काे दूर किया जा सके ताकि लाेगाें काे खाने में भी स्वाद के साथ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हाे। खास बात है कि इन चाराें वैरायटी काे सेंट्रल वैरायटी रिलीज कमेटी ने देश के आठ से अधिक राज्याें के लिए जारी भी कर दिया है। जिसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू कश्मीर और राजस्थान आदि राज्य शामिल हैं।
यह हैं वह चार नई किस्में----
- धान एचकेआर 128
- धान हरियाणा बासमती-2
- गेहूं में डब्ल्यूएच 1184
- सरसाें में आरएच 761
जानिए किस किस्म की क्या है खास बात
सरसाें की वैरायटी आरएच 761-----
- जाेन 2 में आने वाले राज्याें में इसे बाेया जा सकता है। जिसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली,
जम्मू कश्मीर और राजस्थान राज्य शामिल हैं।
- बड़ी बीज के साथ अधिक दानेदार
- 136 से 143 दिन में पककर तैयार हाेती है
- 39.5 प्रतिशत ऑयल कंटेंट हाेता है
- 26 से 27 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार हाेती है
गेहूं में वैरायटी डब्ल्यूएच 1184----------
- हरियाणा में सिंचाई के साधनाें काे देखते हुए विशेष रूप से तैयार की गई है। कम पानी की जरूरत रखती है।
- समय के साथ बुबाई हाे ताे अधिक पैदावार देगी।
- औसत तीन वर्षाें में पैदावार 4 से 14 प्रतिशत देगी है।
- 99 दिनाें में तना आता है ताे 145 दिनाें में फसल पककर तैयार हाेती है।
- 61.3 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार देती है
- पीला रतवा से अत्यधिक बचाव
- इस वैरायटी में कई प्रकार की खासियत हैं, इससे चपाती भी अच्छी तैयार हाेती है, गेहूं में हार्डनैस भी नहीं रहती।
धान की वैरायटी हरियाणा बासमती-2--------
- एचएयू के वैज्ञानिकाें ने पूर्व में मौजूद पूसा बासमती 1 व बासमति सीएसअार 30 से भी अच्छी धान की किस्म बासमती-2 डिवेलप की है।
- यह पूसा बासमती 1 की तुलना में 5358 किलाेग्राम प्रति हैक्टेयर पैदावार करेगी।
- कम समय में धान काे तैयार किया जा सकता है।
- राेगप्रतिराेधक क्षमता भी अधिक है।