HAU News: आम नहीं खास है हरियाणा का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय एचएयू, यह हैं उपलब्धियां

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विश्वविद्यालय अब स्टार्ट अप को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। एचएयू स्टार्ट अप के ग्रांट लाता है। यह स्‍टार्टअप मशरूम उत्पादन इंडोर आउटडोर गार्डनिंग शहद से बने उत्पाद बाजार से बने बेकरी प्रोडक्ट आदि से जुड़े हुए हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 11:41 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 11:41 AM (IST)
HAU News: आम नहीं खास है हरियाणा का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय एचएयू, यह हैं उपलब्धियां
हरियाणा का कृषि विश्वविद्यालय एक के बाद एक नए कीर्तिमान स्‍थापित करता जा रहा है

जगारण संवाददाता, हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विश्वविद्यालय अब स्टार्ट अप को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। विभिन्न स्कीमों में विश्वविद्यालय ने 25 से अधिक स्टार्ट अप को नाबार्ड के जरिए ग्रांट दिलाई है। यह स्टार्ट अप मशरूम उत्पादन, इंडोर आउटडोर गार्डनिंग, शहद से बने उत्पाद, बाजार से बने बेकरी प्रोडक्ट आदि से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में चलने वाले शोध कार्य की जानकारी किसानों तक भी पहुंचाई जाएगी। एचएयू का इतिहास काफी गौरवमयी रहा है।

हरियाणा के पंजाब से अलग होने से पहले ही 1960 के दशक में देश के लोगों को अन्न के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ रहा था, तब हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने अपने योगदान से ऐसी किस्में तैयार की जो देश की खाद्यान्न की जरूरतों को पूरा करने में सफल रहीं। इसके बाद 1970 में एचएयू ने पूरी गति से काम करना शुरू किया। हरित और श्वेत क्रांति में सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा रोल अदा करते के बाद अब एचएयू वर्तमान में किसानों को तकनीकी से जोड़ने और उनके उत्पादन को पैकेजिंग व मार्केटिंग के जरिए बाजार तक लाने में मदद कर रहा है।

इसके लिए हाल ही में इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है। हरियाणा के निर्माण के एचएयू के योगदान का अहम रोल है। सिर्फ विश्वविद्यालय का फोकस अन्न उत्पादन ही नहीं बल्कि क्वालिटी और न्यूट्रिशन युक्त फूड लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहा है। एचएयू को अब तक एचएयू राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट इंस्टीट्यूशन अवार्ड, आईसीएआर रैंकिंग वर्ष 2018 के लिए कृषि विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान प्राप्त कर चुका है।

520 कंपनियों से अनुबंद तो 282 किस्मों से बढ़ा उत्पादन

एचएयू के कुलपति प्रो केपी सिंह ने बताया कि व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विवि यूरोप, अमेरिका और एशिया के दो दर्जन से अधिक प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ अनुबंध किए हैं। यहां विकसित की गई तकनीकों के व्यावसायिकरण के लिए करीब 520 सरकारी और गैरसरकारी कंपनियों व संस्थानों के साथ समझौते किये गये हैं। एचएयू ने विभिन्न फसलों, फलों और सब्जियों की लगभग 282 किस्मों व संकरों की पहचान व विमोचन किया है। इनमें से कुछ किस्में अन्य राज्यों और यहां तक कि विदेशों में भी लोकप्रिय हुई हैं।इन किस्मों के परिणामस्वरूप चावल, कपास, गेहूं, दलहन, तिलहन व बाजरा उत्पादन में कई गुणा वृद्धि हुई है। विश्र्वविद्यालय द्वारा विकसित तकनीकों के कारण वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य भण्डार में योगदान करने वाले राज्यों में हरियाणा का दूसरा स्थान है।

प्रदेश के पहले कृषि विश्वविद्यालय की यह हैं उपलब्धियां

आईसीएआर द्वारा वर्ष 1996 में बेस्ट इंस्टीट्यूशन अवार्ड

- 2016 में सरदार पटेल सर्वश्रेष्ठ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद संस्थान अवार्ड

- 2017 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान पुरस्कार

- 2018 में हरियाणा किसान रत्न पुरस्कार

- 2018 में कृषि शिक्षा सम्मान अवार्ड

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