विशेषज्ञों की सलाह, किसान खेतों में कीटनाशक से न मारे मकड़ी क्योंकि मकड़ियां करती हैं कीटों का उत्तम भक्षण

सभी वयस्क मकड़ियों में आठ पैर होते हैं और सभी कीटों के छह पैर होते हैं। मकड़ियां लाभकारी परभक्षी हैं और अनेक कीटों की आबादी को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मकड़ियों की 49000 प्रजातियां हैं और 90 फीसद से अधिक मकड़ियां कीटों का शिकार करती हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:59 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:59 AM (IST)
विशेषज्ञों की सलाह, किसान खेतों में कीटनाशक से न मारे मकड़ी क्योंकि मकड़ियां करती हैं कीटों का उत्तम भक्षण
मकड़ियां अक्सर घरों, यार्डों, बगीचों और फसलों में कीटों का सबसे महत्वपूर्ण जैविक नियंत्रण करती हैं।

जागरण संवाददाता, हिसार। मकड़ियों की 49000 प्रजातियां हैं और 90 फीसद से अधिक मकड़ियां कीटों का शिकार करती हैं। सभी वयस्क मकड़ियों में आठ पैर होते हैं और सभी कीटों के छह पैर होते हैं। मकड़ियां लाभकारी परभक्षी हैं और अनेक कीटों की आबादी को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष और मानव संसाधन प्रबंधन में पूर्व निदेशक रहे डा. राम सिंह बताते हैं कि मकड़ियां अक्सर घरों, यार्डों, बगीचों और फसलों में कीटों का सबसे महत्वपूर्ण जैविक नियंत्रण करती हैं। अधिकांश मकड़ियां मनुष्यों के लिए हानि रहित होती हैं।

हमारे पर्यावरण में मकड़ियों के प्रकार

पर्यावरण जीव विज्ञानी प्रोफेसर राम सिंह ने विभिन्न फसलों, अर्धनगरीय क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया। उन्होंने बड़ी संख्या में पौधों/पेड़ों/झाड़ियों/खरपतवारों और खेतों में फसलों जैसे ज्वार, धान, मक्का और कपास में बड़ी संख्या में घात मकड़ी (एंबुश स्पाइडर), खुला जाल मकड़ी , जाला लपेट मकड़ी और जंपिंग स्पाइडर को देखा और एकत्र किया। खरीफ मौसम में जाले बुनाई के लिए सबसे उपयुक्त पौधे थे- चेनोपोडियम (बाथू), कैलोट्रोपिस (आक), कोंधरा, कांग्रेस ग्रास; फूलों/हेज पौधे जैसे चाइना रोज, टैकोमा, लैंटाना कैमरा, जेट्रोफा, बुशफायर, क्लेरोडेंड्रम इनरमी आदि। प्रोफेसर राम सिंह के लिए यह आश्चर्य की बात थी कि चाइना रोज (गुड़हल) के पत्तों और शाखाओं को बांधकर जाला लपेट मकड़ी द्वारा विकसित एक बड़े जाले से विभिन्न प्रकार के कीटों के 30 कंकाल मिले । प्रो राम सिंह ने खरीफ फसलों में भी छोटे-छोटे कीड़ों को खाने वाली अनगिनत जंपिंग स्पाइडर (कूदती मकड़ियां) को देखा जो कीटों की आबादी के नियंत्रण में बहुत मूल्यवान है।

प्रो राम सिंह की सलाह

इसलिए आम जन को सलाह दी जाती है कि वे कीटनाशकों के प्रयोग से मकड़ियों को न मारें। यदि आवश्यक हो तो जाले या खरपतवार को हटाया जा सकता है और खुले में छोड़े जा सकते हैं ताकि मकड़ियों को जाले छोड़ने और नए जाले तैयार करने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने का समय मिल सके। खेत में फसलों में बड़ी संख्या में कूदने वाली मकड़ियां होती हैं जो कीड़ों को मारती रहती हैं। किसानों को कीटनाशकों के छिड़काव से पहले मकड़ियों की उपस्थिति की जांच करनी चाहिए। प्रो राम सिंह ने पूरे मानव समुदाय को जब तक अपरिहार्य न हो, कीटनाशकों का उपयोग न करने का आगाह किया है जो हमारे अनुकूल जीवों के लिए सुरक्षित हैं। प्रो राम सिंह ने हाल ही में मानवीय गतिविधियों के आधार पर प्रकाशित लेख में अमेरिकी पत्रिका में मानव को पृथ्वी पर सबसे बड़ा पीड़क पाया है। मानव जनसंख्या वृद्धि को रोककर प्रकृति की सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए मनुष्य को बलिदान देना होगा।

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