एचएयू के विज्ञानियों की सलाह: कपास की फसल में कीट प्रबंधन के दौरान बिना सिफारिश कीटनाशकों का न करें प्रयोग
जागरण संवाददाता हिसार पिछले वर्ष कपास की फसल काफी नष्ट हो गई थी। इसकी जांच की तो ि
जागरण संवाददाता, हिसार :
पिछले वर्ष कपास की फसल काफी नष्ट हो गई थी। इसकी जांच की तो विज्ञानियों ने पाया कि किसानों ने कृषि विज्ञानियों की सिफारिश न लेकर कीटनाशकों का प्रयोग किया। फसल नष्ट होने की यह एक बड़ी वजह बना। इसको लेकर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में पौध प्रजनन एवं आनुवांशिकी विभाग के कपास अनुभाग द्वारा अभी ही किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इमंगलवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का मुख्य विषय वर्तमान में कपास उत्पादन में एकीकृत प्रबंधन था। वेबिनार के शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने किया। उन्होंने कहा कि कपास की फसल में बेहतर उत्पादन के लिए कीट व रोगों का एकीकृत प्रबंधन जरूरी है। किसान फसल के मुख्य कीट व रोगों की पहचान करने के बाद विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश की गई दवाइयों का ही प्रयोग करें। इसके अलावा फसल में कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के बिना कीटनाशकों का छिड़काव नुकसानदायक हो सकता है। कृषि विज्ञानियों की सलाह व सिफारिशों का रखें विशेष ध्यान
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डा. हरदीप सिंह ने किसानों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कपास हरियाणा प्रदेश की एक महत्वपूर्ण नगदी फसल है। इसलिए किसानों को इस फसल में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली सलाह व कीटनाशकों को लेकर की गई सिफारिशों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने मित्र कीटों की सुरक्षा को लेकर भी सुझाव दिए।