Haryana Weather Update: हरियाणा में 30 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील, बीच-बीच में आ सकती है बारिश

मौसम विज्ञानियों के अनुसार 30 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील हैं और इस दौरान बीच-बीच में बादल व कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। अगर बारिश हुई तो किसानों को और भी नुकसान होने के आसार है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 08:44 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 08:44 AM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में 30 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील, बीच-बीच में आ सकती है बारिश
हरियाणा में अभी और भी बारिश होने के आसार बने रहेंगे

जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा में अभी और बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञानियों ने अभी से ही ऐसे हालात दर्शा दिए हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार 30 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील हैं और इस दौरान बीच-बीच में बादल व कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। अगर बारिश हुई तो किसानों को और भी नुकसान होने के आसार है। इससे पहले ही चार दिन की बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

कपास, मूंग, ग्वार, धान तक में किसानों को नुकसान हुआ है। हालांकि मानसून अब वापसी पर है। सितंबर माह के आखिरी तक दक्षिण पश्चिम मानसून वापस होने की संभावना है। इस बार मानसून की बारिश कई जिलों में सामान्य बारिश से अधिक है। वहीं ओवरआल 30 फीसद से अधिक बारिश हो चुकी है।

मानसून पहले ही तोड़ चुका है 23 साल का रिकार्ड

हरियाणा की बारिश ने अपने पिछले सभी रिकार्डों को तोड़ दिया है। 1998 के बाद इतनी बारिश रिकार्ड की गई है। खास बात है कि 18 साल तक दक्षिण पश्चिम मानसून के समय बारिश सामान्य से कम ही दर्ज की जाती रही है। मगर 23 साल बाद इस सीजन ने पुराने सभी रिकार्डों को गिरा दिया है। पिछले दिनों में सर्वाधिक 35 फीसद अधिक मूसलाधार बारिश दर्ज की गई थी। जिसके कारण हरियाणा में इस सीजन में ओवरआल 543.7 एमएम बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 20 फीसद अधिक है। इससे पहले 1998 में सामान्य से 39 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई थी।

फसलों पर बारिश का प्रभाव

कृषि वैज्ञानियों के अनुसार यह बारिश कोई ज्यादा फायदेमंद नहीं है। मानसून की देरी से बारिश से नुकसान ज्यादा होता है और लाभ कम देखने को मिलता है। धान की फसल को इस बारिश से फायदा है मगर कपास को भारी नुकसान है। कपास की 54 फीसद फसल खराब भी हो चुकी है। बारिश के साथ हवा चलने से कपास के टिंडे गिर जाते हैं। ग्वार और बाजरा की फसल को भी नुकसान होगा वहीं सब्जियों की फसल भी प्रभावित होगी। वैज्ञानियों ने सलाह दी है कि धान को छोड़कर किसी भी फसल में पानी खेतों में 24 घंटे से ज्यादा खड़ा न होने दें। वहीं जिनके खेत खाली हैं वह सरसों की बिजाई कर सकते हैं। यह समय उपयुक्त है।

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