Haryana weather update: 27 जून से फिर गर्मी झेलने को रहें तैयार, अगले तीन से चार दिन मौसम रहेगा खुश्क
हरियाणा का मौसम 27 जून से फिर बदलेगा। कुछ दिन और गर्मी सताएगी। जुलाई में दक्षिण पश्चिम मानसून आया तो तभी बारिश मिलेगी। शनिवार को हरियाणा में बारिश की संभावना जरूर है। मगर कल से गर्मी से राहत नहीं मिलेगी।
जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा का मौसम लगातार अलग-अलग रंग दिखा रहा है। जून में पहले तो गर्मी ने अपने तीखे तेवर दिखाए। इसके बाद अग्रिम मानसून आने से बारिश ने राहत दी। फिर पिछले कुछ दिनों से गर्मी लोगाें का पसीना छुड़ाती दिखी तो अब फिर से बारिश ने तापमान को कम करने का काम किया है। खासकर रात्रि तापमान को दो से तीन डिग्री सेल्सियस कम किया है।
मगर यह सुख अधिक दिन तक नहीं मिलेगा। क्योंकि 27 जून के बाद फिर से मौसम खुश्क हो सकता है। हरियाणा के किसी भी हिस्से में मौसम विज्ञानियों ने बारिश का अंदेशा नहीं जताया है। इसके साथ ही मानसून के हालात न बनना भी लोगाें को गर्मी से राहत नहीं दिला रहा है। अभी और कुछ दिन गर्मी का दंश झेलने को मिलेगा। जुलाई में दक्षिण पश्चिम मानसून आया तो तभी बारिश मिलेगी।
क्या कहता है भारत मौसम विभाग
भारत मौसम विभाग के मौसम विज्ञानियों की मानें तो हरियाणा में मानसून को लेकर अभी स्थितियां बन नहीं रही हैं। उत्तर प्रदेश की तरफ मानसून है और हरियाणा की तरफ आने में अभी समय लगेगा। आमतौर पर 25 जून के आसपास मानसून के हरियाणा में आने की संभावना होता है मगर अब लगता है कि मानसून के लिए अभी और भी इंतजार करना होगा। मानसून की बारिश पर भी फसलें भी निर्भर करेंगे। क्योंकि इस समय किसानों ने धान की बुबाई की है अगर बारिश हुई तो सिंचााई की आवश्यकता किसानों को नहीं पड़ेगी। इसको लेकर किसानों को लगातार बताया जा रहा है।
किसान इन बातों का रखें ध्यान मौसम में नमी की अधिकता व बादलवाई लगातार रहने के कारण अगेती नरमा/कपास व सब्जियों की फसल में कीटों व रोगों का प्रकोप होने की संभावना को देखते हुए किसान भाई फसलों की लगातार निगरानी रखें । अगर प्रकोप दिखाई दे तो विश्विद्यालय की सिफारिश दवाइयों की स्प्रे करें। सब्जियों के खेतों में आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई कर नमी संचित करे तथा आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। ग्वार, बाजरा व अन्य खरीफ फसलों के लिए खेत तेयार कर उत्तम किस्मों के बीजों का प्रबंध कर बिजाई शुरू करें। बिजाई से पहले बीजोपचार अवश्य करें। धान की नर्सरी में आवश्यतानुसार सिंचाई व खाद प्रबन्धन अवश्य करें। धान लगाने के लिए अच्छी तरह से खेत तैयार कर नमी संचित करें । पानी उपलब्ध हो तो धान में लगाना शुरू करें।
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