Haryana Weather Update: हरियाणा में बारिश से गिरा तापमान, 21 के बाद गर्मी के लिए रहें तैयार

कृषि मौसम विज्ञानी विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान (18 अप्रैल से 24 अप्रैल ) पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव व राजस्थान के ऊपर बनने वाले साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण राज्य में 19 अप्रैल देर रात्रि से फिर से मौसम में बदलाव होने की संभावना है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 12:53 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 12:53 PM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में बारिश से गिरा तापमान, 21 के बाद गर्मी के लिए रहें तैयार
हरियाणा में मौसम को लेकर 24 अप्रैल तक एचएयू ने अपडेट जारी की है

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में बारिश के कारण तापमान में कमी आई है। दिन और रात्र का तापमान पांच डिग्री से कम चल रहा है। हिसार में रविवार को रात्रि तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम हाेकर 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तापमान के कम होने से लोगों को राहत जरूर मिली है। मगर आने वाले समय में फिर से तापमान में बढ़ोतरी होगी। जिससे लोगों को गर्मी का अहसास होगा। गौरतलब है कि एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा 13 अप्रैल को जारी पूर्वानुमान अनुसार ही हरियाणा राज्य के उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्रों में पश्चिमीविक्षोभ के प्रभाव से ज्यादातर क्षेत्रों में 16 अप्रैल को व कुछ एक स्थानों पर 17 अप्रैल को धूल भरी तेज हवाएं व गरज चमक के साथ बूंदाबांदी व हल्की बारिश दर्ज की गई जिससे दिन व रात के तापमान में हल्की गिरावट हुई थी।

22 अप्रैल तक मौसम रहेगा खुश्क

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञानी विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान (18 अप्रैल से 24 अप्रैल )  पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव व राजस्थान के ऊपर बनने वाले साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण राज्य में 19 अप्रैल देर रात्रि से फिर से मौसम में बदलाव होने की संभावना है। जिससे राज्य  के उत्तरी व पश्चिमी जिलों में 20 व 21 अप्रैल को बादलवाई रहने, बीच बीच में तेज हवाएं चलने तथा कहीं कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश होने परन्तु 22 अप्रैल से मौसम खुश्क व गर्म संभावित है।

किसान इन बातों का रखें ध्यान

- मौसम में बदलाव की संभावना को देखते हुए खेतों की नमी को सरंक्षित करे व  नरमा कपास की बिजाई 2-3 दिन रोक लें।

- गेहूं व अन्य फसलों की कटाई व कढाई करते समय बदलते मौसम का ध्यान अवश्य रखें।

- गेहूं की कटी हुई फसल के बंडल अच्छी प्रकार से बांधे ताकि तेज हवाएं चलने से उड़ न सके।

- गेहूं, सरसों व अन्य फसलों को बेचने के लिए मंडी ले जाते समय तिरपाल आदि का प्रबंध अपने साथ अवश्य रखें।

- तेज हवाएं चलने व बारिश की संभावना को देखते हुए गेहुं व सरसों की तूड़ी या भूसा आदि को अवश्य ढके व सुरक्षित स्थानों पर रखें।

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