Haryana Weather Update: हरियाणा में रात से लगी झड़ी, जलभराव से डरे लाेग, जानें कब होगी बारिश
बंगाल की खाड़ी पर बने एक कम दबाब का क्षेत्र उत्तर पाकिस्तान के साथ लगते पंजाब पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने व मानसून टर्फ सामान्य स्थिति में आने से हरियाणा में मानसून कल 27 जुलाई से पूरी तरह से सक्रिय हो गया। जिससे लगातार बारिश हो रही है।
जागरण संवाददाता, हिसार। हरियाणा में रात से ही बारिश हो रही है। जगह जगह जलभराव जैसी स्थिति है। कई गांवों में पानी भर गया है तो कहीं मकान गिरने जैसे हालात भी बने हुए हैं। सावन की झड़ी ऐसी लगी है कि अब बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। दक्षिण पश्चिम मानसून ने हरियाणा के 17 शहरों में धरा की प्यास को बुझाने का काम किया है। पिछले तीन वर्षों से मानसून आता बारिश भी होती मगर सामान्य से अधिक नहीं होती। मगर इस बार सामान्य से अधिक बारिश हो रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिसार में दिन का तापमान सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस कम हो गया है। देखा जाए तो हरियाणा में दक्षिण पश्चिम मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है।
लगातार तीन दिन से हो रही बारिश से खेतों से लेकर शहर तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। जहां एक तरफ किसानों के चेहरे खिल उठे हैं तो धरती की प्यास भी बुझती दिखाई दे रही है। क्योंकि प्रदेश के 18 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इसमें सबसे अधिक झज्जर में 150 एमएम, कैथल में 128 एमएम, जींद में 91 एमएम बारिश दर्ज की गई है। वीरवार को हिसार में पिछले 24 घंटे में 29 एमएम बारिश दर्ज की गई है। और दो दिन में कुल आंकड़ा करीब 110 एमएम के पास पहुंच गया है।
आगे 31 जुलाई तक होगी बारिश
हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि बंगाल की खाड़ी पर बने एक कम दबाब का क्षेत्र, उत्तर पाकिस्तान के साथ लगते पंजाब पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने व मानसून टर्फ सामान्य स्थिति में आने से हरियाणा में मानसून कल 27 जुलाई से पूरी तरह से सक्रिय हो गया। जिससे राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में लगातार तीसरे दिन भी बारिश हुई। मौसमी सिस्टमों के बने रहने से मानसून की सक्रियता हरियाणा में 31 जुलाई तक बने रहने की संभावना है जिससे राज्य के ज्यादातर स्थानों पर हवायों व गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश भी होने की संभावना है।
किसान खेतों में पानी न खड़ा होने दें
यह बारिश सभी फसलों के लिए फायदेमंद है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञानी डा. करमल मलिक ने बताया कि कपास की फसल के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद है। किसान खोदी करने का काम करें। इसके साथ ही कीटों की स्थिति देकर विश्वविद्यालय की सिफारिश पर रसायन का छिड़काव करें। जहां अधिक बारिश हो वहां पानी को अधिक खेतों में न भरा रहने दें। वरिष्ठ सब्जी विज्ञानी डा. एके भाटिया ने बताया कि सब्जी वर्गीय फसलों में किसानों ने लौकी, बैंगन, तोरईं, भिंडी आदि शामिल हैं। इनके लिए बारिश अच्छी है मगर जहां अधिक बारिश होने से पानी भर गया है वहां नुकसान हो सकता है। ऐसे में खेतों में अत्यधिक पानी न भरने दें। इसी प्रकार धान की फसल के लिए यह बारिश अच्छी और फायदेमंद है।