Haryana Weather Update: हरियाणा में अब जुलाई पर निर्भर मानसून, मगर अगले 48 घंटों में बारिश के आसार

हरियाणा प्रदेश में विभिन्न शहरों पर एक आइसोलेटेड क्षेत्र बना हुआ है। जिससे दो से तीन दिन तक बारिश होने की संभावभना है। इसके साथ ही मानसून के लिए अभी आपको कुछ दिन का और भी इंतजार करना होगा।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 11:19 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 11:19 AM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में अब जुलाई पर निर्भर मानसून, मगर अगले 48 घंटों में बारिश के आसार
हरियाणा में दो‍ दिन बारिश होने के आसार हैं मगर यह बारिश मानसूनी नहीं है

जागरण संवाददाता, हिसार। प्रदेश में मौसम एक बार फिर से परिवर्तित हुआ है। अगले 48 घंटों में प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में बारिश हाेने की संभावना है। शुक्रवार सुबह कुछ जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई, अलसुबह ही बादल छा गए और हिसार में मौसम ने करवट बदली। हालांकि इसके कुछ देर बाद ही उमस बढ़ गई और धूप भी निकल आई। मगर शाम को फिर से मौसम ने करवट बदली और बारिश शुरू हुई। बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया। संभावित बारिश मानसून की बारिश नहीं है। बल्कि प्रदेश में विभिन्न शहरों पर एक आइसोलेटेड क्षेत्र बना हुआ है। जिससे दो से तीन दिन तक बारिश होने की संभावभना है। इसके साथ ही मानसून के लिए अभी आपको कुछ दिन का और भी इंतजार करना होगा। संभवत: जुलाई तक मानूसन दस्तक है।

इसके बाद यह धीमे-धीमे आगे बढ़ेगा। मगर मौजूदा स्थिति को देखते हुए मानसून आने की संभावना नजर नहीं आ रही है। आमतौर पर 25 जून के बाद मानसून की आवक शुरू हो जाती है। मगर इस बार 15 दिन पहले ही मानसून का झौका हरियाणा के कुछ हिस्से को छूकर चला गया। मगर पूरे प्रदेश को अभी भी मानसून की दरकार है। भारत मौसम विभाग के अनुसार मानसून की सक्रियता हरियाणा की तरफ जून में नजर आती नहीं दिख रही है।

मानसून किस प्रकार से चलता है

भारत मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. शिवेंद्र सिंह ने बताया कि मानसून टुकड़ों में आगे बढ़ता है। बारिश के विभिन्न मोड टुकड़ों में सक्रिय होते हैं। इसी कारण से हरियाणा में दक्षिण पश्चिम मानसून 25 जून के आसपास आता है और फिर जुलाई में हरियाणा के सभी क्षेत्रों को कवर करता है। कभी-कभी इसमें देरी भी हो सकती है। यह मौसम की चाल पर निर्भर करता है। मानसून की मौजूदा समय में अधिक सक्रियता दिखाई नहीं दे रही है। आगे अगर कुछ स्थिति परिवर्तित हो तभी मानसून की राह आसान होगी।

इस कारण नहीं बढ़ पा रही मानसूनी हवाएं

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ के अनुसार मानसून की उत्तरी सीमा 19 जून को बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर तक पहुंची थी, लेकिन इसके बाद आगे नहीं बढ़ पाई। पश्चिमी विक्षोभ के कारण उपरी सतह की अधिक ऊंचाई वाली पश्चिमी हवाओं के चलने से बंगाल की तरफ से नमी वाली पुरवाई मानसूनी हवाओं की सक्रियता कम हो गई। मानसून टर्फ उत्तर में ऊपर हिमालय की तरफ बढऩे के कारण मानसूनी हवाएं हरियाणा की तरफ नहीं बढ़ पा रही हैं। मानसूनी हवाओं की सक्रियता के लिए अनुकूल परिस्थितियां अगले चार-पांच दिनों के बाद ही बनने की संभावना है।

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