Haryana Weather Update: हरियाणा में लगातार बढ़ रहा पारा, कल मिलेगी हल्की राहत, फिर बढ़ेगी गर्मी

हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में 1 मार्च को मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व आंशिक बादलवाई रहने व बीच -बीच में हवा चलने की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट आने की संभावना हैं।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 05:35 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 05:35 PM (IST)
Haryana Weather Update: हरियाणा में लगातार बढ़ रहा पारा, कल मिलेगी हल्की राहत, फिर बढ़ेगी गर्मी
हरियाणा में मार्च के महीने में गर्मी की मार झेलनी पड़ेगी, वहीं फसले भी जल्‍दी पकेंगी

हिसार, जेएनएन। हरियाणा में मौसम गर्मी पकड़े हुए हैं। दिन के वक्‍त धूप चरम पर होती है। सुबह सात बजे सूर्याेदय के बाद ही तापमान में गर्मी बढ़ जाती है। प्रदेश में सभी जिलाें में तापमान बढ़ा हुआ है। आलम यह है कि दिन और रात्रि दोनों तापमान इस समय बढ़ रहे हैं। रविवार को दिन का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य तापमान से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। वहीं रात्रि तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस रहा है। इसते तापमान के चलते लोगों ने अब सर्दी के कपड़े काफी हद तक पहनने कम कर दिए हैं। एक मार्च को मौसम में बदलाव गर्मी से कुछ राहत जरूर देगा मगर इसके बाद अब तापमान लगभग इसी प्रकार का रहेगा। ऐसे में जाहिर है कि इस बार गर्मी का सितम सर्दी की तरह ही झेलना होगा।

दिखेगा पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में 1 मार्च को मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व आंशिक बादलवाई रहने व बीच -बीच में हवा चलने की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट आने की संभावना है। 2 मार्च से 5 मार्च के दौरान मौसम आमतौर पर खुश्क रहने, दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्रि तापमन में हल्की गिरावट होने की संभावना है।

बदलते मौसम को लेकर किसान इन बातों का रखें ध्यान

- मौसम परिवर्तनशील, बीच बीच में हवा चलने की संभावना को देखते हुए फसलों विशेषकर गेहूं में अगले दो- तीन दिन सिंचाई रोक लें। मगर 2 मार्च के बाद सभी फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।

- अनुकूल मौसम बने रहने की संभावना को को ध्यान में रखते हुए गेहूं ,चने व सरसों की फसलों व सब्जियों में कीटों व रोगों की निगरानी करते रहें अगर फसल में एफिड या अन्य कीट व रोग का प्रकोप दिखाई दे तो नजदीक के कृषि अधिकारी से सलाह अनुसार स्प्रे मौसम साफ हो जाने पर करें।

- मौसम में हो रहे बदलाव के कारण सरसों में सफेद रतुआ बीमारी बढ़ने की संभावना है इस रोग के उपचार के लिए मौसम साफ होने पर 600 ग्रा. मेन्कोजैब (डाइथेन या इन्डोफिल एम-45) को 250 से 300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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